नोएडा । जमीन संबंधी एक मामले की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के महानिदेशक को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है और उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
हालांकि, उपभोक्ता आयोग ने यूपीसीडा (UPSIDA) के महानिदेशक को 15 दिन का समय दिया है। इस अवधि में आदेश का पालन नहीं करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल राजेश कुमार यूपीसीडा (UPSIDA) के महानिदेशक हैं।
उपभोक्ता आयोग के मुताबिक आदेश 23 मार्च से 15 दिन बाद लागू होगा। इस बीच, यूपीसीडा आवंटी को भूखंड आवंटित किए जाने पर सजा का आदेश लागू नहीं होगा। यूपीसीडा को आदेश का पालन कर इसकी सूचना उपभोक्ता आयोग और संबंधित पुलिस थाना को देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर आयोग की तरफ से संबंधित पुलिस थाना को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जाएगा।
आयोग ने 2008 में आवंटी को भूखंड पर कब्जा देने का आदेश दिया था, जिसे अब तक यूपीसीडा की तरफ से लागू नहीं किया गया है।
दिल्ली के पीतमपुरा निवासी सुंदरपाल ने 1997 में यूपीसीडी के सेक्टर साइट-5 में 450 वर्गमीटर का औद्योगिक जमीन खरीदा था। सुंदरपाल ने आयोग को बताया कि पूरा भुगतान करने के बाद उसी साल भूखंड पर कब्जा ले लिया था, लेकिन बीमारी के कारण वह जमीन पर निर्माण नहीं करा सके। कुछ समय बाद सुंदरपाल ने यूपीसीडा में आवेदन कर समय विस्तार मांगा था, जिसका यूपीसीडा ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद 2002 में यूपीसीडा ने इस आवंटन को निरस्त कर दिया और सुनवाई का मौका भी नहीं दिया।
सुंदरपाल ने जिला उपभोक्ता आयोग से भूखंड दिलवाने की अपील की। दोनों पक्ष की सुनवाई के बाद उपभोक्ता आयोग ने तीन जनवरी 2008 को आदेश जारी कर यूपीसीडा को दो माह के अंदर आवंटी के भूखंड को फिर से आवंटित कर कब्जा देने को कहा। आदेश में कहा गया था कि अगर मूल भूखंड किसी और को आवंटित कर दिया गया है तो वैकल्पिक भूखंड पूर्व शर्तों पर देना होगा। इसके अलावा कब्जा देने तक जमा धनराशि का ब्याज भी देना होगा।
इस पर यूपीसीडा ने जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश को राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी। जून, 2008 में राज्य उपभोक्ता आयोग ने यूपीसीडा की अपील खारिज कर दी, जिसके बाद यूपीसीडा राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग पहुंचा। अप्रैल, 2009 में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने भी अपील खारिज कर दी। सितंबर, 2009 में ही आवंटी सुंदरपाल ने जिला उपभोक्ता फोरम में आदेश का पालन कराने की अपील की, जिसका अब तक पालन नहीं किया गया।
पिछले साल अक्टूबर में आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर ने यूपीसीडा के महानिदेशक के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था।