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Dhami Cabinet: सिलिका सैंड, चारा नीति सहित कुल 13 विषयों पर हुए निर्णय

Dhami Cabinet

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देहरादून। धामी मंत्रिमंडल (Dhami Cabinet) में सिलिका सैंड की रायल्टी दर कम करने के साथ ही चारा नीति, संयुक्त प्रांतीय रक्षक दल में संशोधन और स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफॉरमिंग सहित कुल 13 महत्वपूर्ण विषयों पर मुहर लगी।

बुधवार शाम सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल (Dhami Cabinet) की बैठक हुई। बैठक समाप्ति के बाद मुख्य सचिव एसएस संधू ने बीफ्रिंग में यह जानकारी दी। मंत्रिमंडल बैठक से पूर्व मंत्री चन्दन राम दास के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

मुख्य सचिव संधू ने बताया कि सिलिका सैंड रॉयल्टी व्यवसाय को सुदृढ़ और कारगर बनाने के लिए दर में संशोधन किया गया है। पहले 300 रुपये टन थी अब 100 रुपये टन किया गया है। बाजपुर चीनी मिल के आधुनिकरण के लिए आसवनी में पूर्व स्थापित संयंत्रों और कुछ अन्य संयंत्रों के अनुरक्षण के लिये धनराशि बैंक से ऋण के लिए 29 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।

राज्य में वित्त,लेखा सम्बन्धी एवं अन्य विषयों पर समस्त विभागों और सचिवालय स्तर के कार्मिकों को प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञ के रूप में मानव संसाधन के लिए संस्थान में सृजित पदों के अतिरिक्त पूर्णकालिक व्याख्याता/शोधकर्ता, पदों का सृजन किया गया है। कोषागार नियमावली में संशोधन किया गया है। पदोन्नति के लिए वर्तमान में सृजित कुल सहायक लेखाकार के 326 पदों के सापेक्ष जनपद वार कुल 17 पद आरक्षित किया गया है।

उत्तराखंड राज्य के चारधामों और हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए चारधाम यात्रा प्रबन्धन एवं नियन्त्रण संगठन का गठन किया गया है। इसके कार्यालय के लिए 11 पदों के सृजन की स्वीकृति और डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, पूछताछ केन्द्र सहायक/ सहायक स्वागती, अनुसेवक कार्य के लिए 9 व्यक्तियों की सेवायें आउटसोर्स के माध्यम से प्रावधान किया गया है।

पशुपालन विभाग से नई चारा नीति लाई गई है। वित्तीय नियम समिति की ओर से एलोपैथिक चिकित्सकों की भांति राज्य पशुपालन विभाग के पशु चिकित्साविदों को 20 प्रतिशत प्रैक्टिस बन्दी भत्ता अनुमन्य करने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 400 पशु चिकित्साविद् लाभान्वित होंगे।

उत्तराखंड राज्य में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राज्य में चीड़-पिरूल एकत्रीकरण दर को आजीविका में वृद्धि के दृष्टिगत 2 प्रति किलोग्राम के स्थान पर 3 प्रति किलोग्राम पुनरीक्षित करने का निर्णय लिया गया।

उत्तराखंड चारा नीति, 2023-28 लागू होने पर चारे की कुल 31 प्रतिशत कमी में से 2352 प्रतिशत की कमी दूर हो जायेगी। चारा नीति में प्राकृतिक आपदा एवं आकस्मिकता की स्थिति में प्रदेश में चारे की निर्वाध आपूर्ति के लिए कॉर्पस फण्ड/ परिक्रानी निधि की स्थापना व उत्तराखंड चारा नीति 2023- 28 को मंजूरी मिली है। मुख्यमंत्री उत्तराखंड राज्य पशुवन मिशन को प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है।

वर्तमान में उत्तराखंड युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के अंतर्गत प्रांतीय रक्षक दल के स्वयंसेवकों के कार्यों के हित में संयुक्त प्रान्तीय रक्षक दल अधिनियम, 1948 में संशोधन कर उत्तराखंड रक्षक दल (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को मंजूरी दी गई है।

स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफॉरमिंग (सेतु) का संगठनात्मक ढांचा गठन के संबंध में लिया गया निर्णय। इसमें राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिये अभिसरण, समन्वय, सामुदायिक भागीदारी और नेटवर्किंग का उपयोग तथा राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिये अभिसरण, समन्वय, सामुदायिक भागीदारी और नेटवर्किंग का बेहतर तरीके से उपयोग हो सकेगा।

धामी सरकार विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं का सपना करेगी साकार

मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को दी गई मंजूरी। उक्त योजना में राज्य सरकार द्वारा समस्त प्रशिक्षण पर होने वाले व्यय का 20 प्रतिशत वहन किया जायेगा। अभ्यर्थी द्वारा शेष प्रशिक्षण धनराशि हेतु बैंक से लोन लिये जाने पर उक्त ऋण पर देय ब्याज का अधिकतम 75 प्रतिशत भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। संस्था द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की फीस को इस प्रकार निर्धारित किया जायेगा कि अभ्यर्थी के सेवायोजित होने से पूर्व 30 प्रतिशत की धनराशि देय होगी। प्रथम चरण में नर्सिंग और आतिथ्य के क्षेत्र में विदेशों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों से युवाओं को जोड़ने के प्रयास किये जाएंगे।

उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना एवं उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि की स्थापना को मंजूरी दी गई। प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार 02 करोड़ रुपये तक की धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। इस धनराशि में राज्य सरकार अपने विवेकानुसार कमी और वृद्धि कर सकेगी। यह धनराशि नॉन लेप्सेबल धनराशि उपयोग के लिए बनी रहेगी।

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