नरेन्द्र सिंह राणा
तेरा आना गजब ढहा गया। उत्तराखंड के यशस्वी युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 17 नवंबर से 19 नवंबर तक 3 दिवसीय उत्तरप्रदेश की यात्रा पर थे। उनमें भरपूर स्किल व विल है यह यात्रा से सिद्ध हो गया। प्रेम से भरी उनकी आंखें, श्रद्धा से झुका हुआ उनका सर, सहयोग करते हुए हाथ,सत्य से जुड़ी हुई जीभ व सन्मार्ग पर चलते हुए उनके पावँ है। इन महान गुणों से तो परम् पिता परमात्मा सियाराम राधेश्याम भी प्रसन्न होते है। गुणी धामी के सामने तो योगी आदित्यनाथ ही थे। योगी जी महान सन्त है। सन्तो का ह्र्दय तो नवनीत समान होता है। यद्यपि कवि की यह सन्त ह्रदय की दी गई उपाधि भी उसका पूरा पूरा वर्णनन नही कर सकी है क़्योंकि मखन तो जब ताप पाता है तभी पिघलता है जबकि सन्त का ह्रदय तो दूसरे के कष्ट को देखकर ही पिघलने लगता है। श्री रामचरितमानस की चौपाई देखे,, सन्त ह्रदय नवनीत समान, यद्यपि कवि कहा न जाना ।।
धामी योगी से मिले उनका आशिर्वाद लिया अपना पूरा सहयोग दिया और 21 वर्ष से विवादों में पड़े सारे मामले हल हो गए। बताते चले 21 वर्ष पूर्व जब उतर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुआ तब से अब तक दोनो राज्यों के बीच परिसम्पत्तियों आदि का बटवारा 100% नही हो पाया था। लखनऊ से लेकर देहरादून तक विगत बरसो में अनेकों बैठके हुई परन्तु बेनतीजा रही कही जा सकती है। ऐसा भी नही कि उत्तरप्रदेश व उत्तराखण्ड में अलग अलग पार्टियों की सरकारें हमेशा रही हो। कई बार दोनो प्रदेशों में भाजपा की सरकारें साथ साथ रही है लेकिन लंबित प्रकरणों का निस्तारण नही हो सका था। बात कि गम्भीरता को समझने की फुर्सत शायद सरकारों को नही थी। कई मामलों को लेकर दोनों और से सर्वोच्च न्यायालय तक मे वाद दाखिल किया गया। मामले लटके पड़े थे। धामी ने बड़ा दिल दिखाया उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड प्रदेश का रिश्ता बड़े भाई और छोटे भाई जैसा है।
तमाम मामले तो बैठक में चुटकीयो में हल कर लिये गए। जहाँ तक न्यायालय में लंबित मामलों की बात आयी तो उनको भी धामी और योगी सरकारों ने वापस लेने का निर्णय किया वह भी तय समय सीमा में यानी 15 दिनों के अंदर। इस दौरान पुष्कर सिंह धामी के अनेकों कार्यक्रम भी हुये। उन्होंने लखनऊ पहुँच कर प्रसिद्ध हनुमान सेतु मंदिर में दर्शन पूजन किया। कौन सो काज कठिन जग माही जो नही होत तात तुम पाही। अनन्य श्री राम के भगत व प्रिय हनुमानजी से अपने देश व प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की। जहाँ से शिक्षा दीक्षा ली फिर क्रमशः वहाँ वहाँ भी गये। प्राचीन कहावत है , जहाँ तुन्हें जाना हो वहाँ सब तुम्हारा इंतजार करें, जहाँ पहुँचो वहाँ सब तुम्हे प्यार करे और जब वहाँ से जाओ तो लोग तुम्हें याद करे । ठीक ऐसा ही रहा मुख्यमंत्री धामी की लखनऊ यात्रा में। लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने अतीत को याद कर भावुक हो गए। समाचार पत्रों में जितनी प्रमुखता से धामी जी को जगह दी गई उतनी पहले किसी को नही मिली। मैंने उत्तराखण्ड गठन के बाद वहाँ के सभी मुख्यमंत्रियों को लखनऊ आगमन पर नजदीक से देखा है। उनके आगमन , कार्यक्रम में भी मेरा रहना हुआ है। जो स्नहे सम्मान जगह जगह धामी को मिला वह एक मिसाल बन गया है। भारत के यशस्वी सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी की भांति अधिक से अधिक लोगों से कनेक्ट होने की कला धामी जी मे दिखाई दी।
सीएम पुष्कर ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत तीन छात्राओं को चेक प्रदान किए
लखनऊ विश्वविद्यालय में जिस समय मुख्यमंत्री धामी पहुंचे तो पूरा परिसर धामी के स्वागत में उठ खड़ा हुआ , धामी जिंदाबाद के नारों की गूंज दूर सड़क तक साफ सुनाई पड़ रही थी। मंचासीन उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा , विधि मंत्री ब्रजेश पाठक सहित तमाम महानुभाव उपस्थित रहे। अपने सम्बोधन में सभी ने जहाँ धामी की जमकर प्रसंसा की वही धामी जी ने भी मंचासीन व ऑडिप्टोरियम में उपस्थित प्रमुख जनों का ह्रदय की गहराईयो से स्वागत किया। युवा मुख्यमंत्री ने अपने शिक्षा जगत के गुरुजनों का वह समय भी याद किया जब गुरुजन उन्हें अछे काम और करने हेतु डांटते थे। मित्रो के साथ विश्वविद्यालय के व छात्रावास के दिनों को भी याद कर भावुक हुए बिना नही रह सके। कैसे उत्तराखण्ड बनने के बाद उनको वहाँ लखनऊ छोड़ कर जाना पड़ा यहाँ तक की वे भावुकता में यह बोले बिना नही रह सके कि क्यों वे लखनऊ छोड़कर गए। 18 तारीख को दोपर भाजपा मुख्यालय आये वहाँ घण्टो से कार्यकर्ता व नेता और मीडिया के बन्धु उनका इंतजार कर रहे थे। मैं भी बड़ी बेसब्री से धामी से मिलने उनसे हालचाल लेने त था बातचीत करने का इंतजार कर रहा था।
वे सभी से आत्मीय भाव से मिले। पार्टी मुख्यालय से निकल कर आरएसएस के मुख्यालय भारती भवन राजेन्द्र नगर पहुचे। वही संघ के अधिकारियों के साथ बातचीत व जलपान किया। उसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थीपरिषद के मुख्यालय केसर बाग पहुंचे वहा भी संगठन से जुड़े कार्यकर्ता व धामी के पुराने मित्र उनके अपने बीच पहुचने का ईद के चांद की भांति इंतजार कर रहे थे। ABVP मुख्यालय पर युवा मुख्यमंत्री का गरमजोशी से स्वागत हुआ। सांय उनका पर्वतीय परिषद के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि जाना हुआ। हज़ारों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए धामी जी ने कहा कि वे CPMT की तैयारी के लिए लखनऊ 16 से 17 वर्ष की आयु में ही आ गए थे । कैसे लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया वहाँ पर ABVP से जुड़े आदि अनेक संस्मरण लोगो से साझा किये। अपने लखनऊ दौरे में वे महामहिम राज्यपाल , उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ के अधिकारियों , भाजपा के उप मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्रियों व पत्रकार मित्रों और लखनऊ में रचे बसे उत्तराखंड वासियो से घुल मिल कर मिले। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में किया जाएगा और तत्समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित किया जायेगा। वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को किया जायेगा। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट की अनुमति भी दी गई।
गुरुवार को बैठक में सभी प्रकरणों पर सहमति बनी है। 21 सालों से जो प्रकरण लंबित चल रहे थे, उनका निस्तारण किया गया। कुछ प्रकरणों पर 15 दिनों का समय लिया गया है। ऐसे प्रकरणों पर दोनों राज्यों द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर निस्तारण किया जायेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग हेतु आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जायेगा। दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी कि न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज तथा किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी।
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे, सभी मांगों पर सहमति बन गई है। सभी मामले जल्द ही निस्तारित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड दोनों राज्य का आपस में बड़े एवं छोटे भाई का सबंध है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आर. के. तिवारी, उत्तराखण्ड से सचिव रंजीत सिन्हा, प्रमुख अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन एवं उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कम समय लेकिन कार्य अत्यधिक अतः यह युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मेट्रो यात्रा कही गयी है।