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अखिलेश पर बरसे धनंजय, कहा- मुझ पर कोई इनाम नहीं, दुष्प्रचार कर रहे है सपा प्रमुख

Dhananjay Singh

Dhananjay Singh

जौनपुर। मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से बुधवार को जनता दल यूनाइटेड (JDU) के टिकट पर नामांकन करने जा रहे बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay)  ने कहा कि उन पर 25 हजार रूपये का ईनाम नहीं है और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh) इस बारे में दुष्प्रचार कर रहे हैं।

जौनपुर के एक हाेटल में पत्रकारों से बातचीत में धनंजय ने कहा “ अखिलेश गलत ट्वीट कर रहे हैं। मेरे ऊपर कोई इनाम नहीं है। मैं 25 हजार का इनामिया व फरार नहीं हूं। मेरा इनाम कोर्ट ने समाप्त कर दिया है। एसटीएफ जांच कर रही है। मेरे ऊपर जो धाराएं हैं वह जमानती हैं। फरार व इनामी जो कहा जा रहा है या अखिलेश का जो ट्वीट है वह पूरी तरह से गलत है।”

उन्होंने कहा कि बीते दिनों सपा की ओर से मल्‍हनी विधानसभा में चुनाव प्रचार करते मेरी कई तस्‍वीरें जारी कर मुझ पर आपराधिक मामला होने के बाद भी चुनाव प्रचार करने के मिथ्या आरोप लगाये गये और पुलिस एवं प्रदेश सरकार को कठघरे में रखने की कोशिश की गयी थी। उन्‍होंने समाजवादी पार्टी पर खुद की छवि को खराब करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।

पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश में उनके आवास पर पुलिस की छापेमारी

ज्ञातव्य हो कि मल्हनी विधानसभा से राजग के घटक जनता दल (यू) ने इस सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इस बार टिकट दिया है। यूपी में सीटों को लेकर तालमेल न होने पर जदयू ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह कुछ सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी। इसी कड़ी में मल्‍हनी विधानसभा से धनंजय सिंह को उम्‍मीदवार बनाया गया है। वर्ष 1998 में सर्रोई (भदोही) में हुए मुठभेड़ से चर्चा में आने के बाद राजनीति में कदम रखने वाले धनंजय सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।

वर्ष 2012 में अस्तित्व में आने से पूर्व सीट रारी के नाम से जानी जाती थी। साल 2002 में लोजपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी और वर्ष 2007 में लगातार दूसरी बार जदयू के समर्थन से वह चुनाव जीते थे। वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर जौनपुर सीट से वह सांसद भी बने। इस्तीफे से रिक्त हुए सीट के उपचुनाव में बसपा के टिकट पर पिता राजदेव सिंह को विधायक निर्वाचित कराया। वर्ष 2012 में जेल में रहते हुए पत्नी डा. जागृति सिंह को निर्दल उतारा। जहां परिणाम में वह दूसरे नंबर पर रहीं। वर्ष 2017 में धनंजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा था।

बाहुबली सांसद धनंजय सिंह गुपचुप तरीके से जेल से रिहा, नहीं लगी भनक

इस बीच अपहरण व रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह आज अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में हाजिर हुए और कोर्ट में वारंट निरस्त करने का प्रार्थना पत्र दिया। इस पर कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर वारंट रिकाल किया तथा अगली सुनवाई के लिए 25 फरवरी तिथि नियत की।

10 मई 2020 को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिघल ने धनंजय व विक्रम सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया था। इसमें आरोप लगाया था कि उसे पचहटिया स्थित साइट से अपहरण कर धनंजय सिंह के आवास पर ले जाया गया। वहां धनंजय पिस्टल लेकर आए और जबरन वादी की फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने को कहा। इन्कार करने पर गालियां व धमकी दी तथा रंगदारी मांगा। दूसरे दिन धनंजय की गिरफ्तारी हुई। यहां से जमानत निरस्त हुई। हाईकोर्ट से जमानत मिली। पत्रावली एमपी एमएलए कोर्ट प्रयागराज भेजी गई थी। हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद पत्रावली यहां आई। पूर्व में वारंट जारी था। धनंजय सिंह कोर्ट में हाजिर होकर वारंट रिकाल कराए।

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