Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

13 नवंबर को है धनतेरस, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा

धनतेरस 2020

धनतेरस 2020

लाइफ़स्टाइल डेस्क। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस बार धनतेरस का त्योहार दिवाली से ठीक एक दिन पहले यानी 13 नवंबर को मनाया जाएगा। वहीं ठीक इसके अगले दिन 14 नवंबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। जानें धनतेरस मनाने के पीछे की कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

धनतेरस का शुभ मुहूर्त

धनतेरस की कथा

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धनवंतरि का जन्म हुआ था। वे अमृत मंथन से उत्पन्न हुए थे। जन्म के समय इनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। यही कारण है कि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए बर्तन खरीदा जाता है।

धनतेरस से जुड़ी दूसरी कथा

दूसरी पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु मृत्युलोक में एक बार विचरण करने के लिए आ रहे थे। तभी माता लक्ष्मी ने विष्णु जी के साथ चलने का आग्रह किया। विष्णु भगवान ने माता लक्ष्मी से कहा कि अगर मैं जो बात कहूं तुम वैसा ही मानो तो फिर चलो। लक्ष्मी जी उनकी बात मान गईं और और विष्णु भगवान के साथ धरती पर आ गईं।

कुछ देर बाद भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी से कहा कि जब तक मैं ना आऊं तुम यहीं पर ठहरना। मैं दक्षिण दिशा की ओर जा रहा हूं। तुम उस तरफ मत आना। लक्ष्मी जी विष्णु भगवान के वापस लौटने का इंतजार करने लगीं। तभी उन्होंने सोचा कि आखिर दक्षिण दिशा में ऐसा कौन सा रहस्य है जो मुझे मना किया है और वहां पर स्वयं चले गए।

लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के जाने पर उनके पीछे-पीछे चल पड़ीं। थोड़ा ही आगे जाने पर उन्हें सरसों का एक खेत दिखाई दिया जिसमें बहुत सारे फूल खिले हुए थे। सरसों की छटा देखकर लक्ष्मी जी मंत्र मुग्ध हो गईं और फूल तोड़कर अपना श्रृंगार करने के बाद आगे बढ़ीं। आगे जाने पर लक्ष्मी जी गन्ना तोड़कर चूसने लगीं।

विष्णु भगवान आए और लक्ष्मी जी को देखकर नाराज हो गए। साथ ही उन्हें श्राप दे दिया। विष्णु भगवान ने कहा कि मैंने तुम्हें मना किया बावजूद इसके तुम आईं और चोरी का अपराध कर बैठीं। इस अपराध के जुर्म में इस किसान की 12 साल तक सेवा करो। ऐसा कहकर भगवान उन्हें छोड़कर क्षीणसागर चले गए।

Exit mobile version