नई दिल्ली| कोरियोग्राफर और एक्टर धर्मेश येलांदे आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। लेकिन उन्हें इस पहचान को बनाने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। रिएलिटी शो डांस इंडिया डांस से धर्मेश को जबरदस्त पॉप्युलैरिटी मिली। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मगर उनकी जर्नी इतनी आसान नहीं थी। एक इंटरव्यू के दौरान धर्मेश ने परिवार की आर्थिक समस्या और अपने स्ट्रगल के बारे में बात की।
धर्मेश ने कहा, ”जब म्युनिसिपैलिटी ने मेरे पिता की दुकान को ध्वस्त कर दिया था तब हमारा जीवन मुश्किल से घिर गया। इसके बाद उन्होंने टी स्टॉल खोला। वह रोजाना 50 से 60 रुपये कमाते थे। ऐसे में 4 लोगों के परिवार को खिलाना भी मुश्किल होता था। लेकिन पापा हमेशा कहते, पढ़ाई कभी नहीं छोड़नी चाहिए। वह एक-एक पैसा हमारी पढ़ाई के लिए बचाते थे।”
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धर्मेश ने बताया कि आर्थिक संकट होने के बावजूद पिता ने उनके डांस टैलेंट को पहचाना। छठी क्लास में डांस कॉम्पिटिशन जीतने के बाद पिता ने धर्मेश का डांस क्लास में एडमिशन कराया।
धर्मेश ने कहा, ”मैं 19 साल का था जब मैंने कॉलेज छोड़ दिया। मैंने बतौर प्यून काम करना शुरू कर दिया और बच्चों को डांस भी सिखाया करता था, जिसके लिए मुझे हर महीने 1600 रुपये मिलते थे। जैसे ही मैं सीनियर बैच में पहुंचा तो मैंने नौकरी छोड़ दी और डांस पर ही फोकस करने लगा। मैंने एक फिल्म में बैकअप डांसर के रूप में काम किया।”
इसके बाद अपना सपना पूरा करने के लिए धर्मेश मुंबई पहुंच गए। उन्होंने डांस रिएलिटी शो बूगी वूगी में पार्टिसिपेट किया और विनर भी बन गए। इसके बाद उन्होंने 5 लाख रुपये की प्राइज मनी से अपने पिता के कर्ज को चुकाया। वह फिल्मों में काम के लिए कोशिश करते रहे लेकिन कुछ काम नहीं मिला। दो साल बाद धर्मेश के पैसे खत्म हो गए और ऐसे में उन्हें अपने घर का रुख करना पड़ा।