भारतीय सेना को और मजबूती देने के लिए मेड इन इंडिया ‘ध्रुवास्त्र’ मिसाइल का साल परीक्षण किया गया है। ध्रुवास्त्र की क्षमता की बात करें तो 4 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के टैंक को ध्वस्त करने में कारगर साबित होगी। चीन और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से लगातार बिगड़ते संबंधों के बीच सेना अपनी ताकत को बढ़ा रही है।
मेड इन इंडिया ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण के बाद इसे ध्रुव हेलिकॉप्टर पर तैनात किया जाएगा। यह एक एंटी टैंक मिसाइल है और दुश्मन को पूरी तरह से ध्वस्त करने का माद्दा रखती है।
#WATCH Trials of Helicopter-launched Nag Missile (HELINA), now named Dhruvastra anti-tank guided missile in direct and top attack mode. The flight trials were conducted on 15&16 July at ITR Balasore (Odisha). This is done without helicopter. pic.twitter.com/Jvj6geAGLY
— ANI (@ANI) July 22, 2020
ओडिशा के बालासोर में सफल परीक्षण के बाद इसका इस्तेमाल भारतीय सेना के ध्रुव हेलिकॉप्टर के साथ किया जाएगा। यानी अटैक हेलिकॉप्टर ध्रुव पर इसे तैनात किया जाएगा, ताकि वक्त आने पर दुश्मन को सबक सिखाया जा सके।
हालांकि, अभी जो टेस्ट किया गया है वो बिना हेलिकॉप्टर के किया गया है। पहले इस मिसाइल का नाम नाग था, जिसे अब बदलकर ध्रुवास्त्र किया गया है। ये मिसाइल स्वदेशी है और इसकी क्षमता 4 किमी। तक है, ये किसी भी टैंक को खत्म कर सकती है। ध्रुव हेलिकॉप्टर भी पूरी तरह से स्वदेशी हेलिकॉप्टर है। ऐसे में DRDO और सेना के लिए इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है क्योंकि अब किसी दूसरे देश पर ऐसी मिसाइलों के लिए निर्भरता नहीं रहेगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, ध्रुवास्त्र एक तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल (ATGM) प्रणाली है, जिसे आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर पर स्थापित किया गया है।
यह प्रणाली, सभी मौसम में दिन और रात के समय सक्षम है तथा पारंपरिक कवच के साथ ही साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंकों को नष्ट कर सकती है।
गौरतलब है कि चीन के साथ बॉर्डर पर लगातार तनाव की स्थिति है। ऐसे में सेना पूरी तरह सतर्क है, दूसरी ओर मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए DRDO स्वदेशी मिसाइलें बना रहा है। बता दें कि जल्द ही भारत को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान भी मिलने वाला है जिसे अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।