Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

60 फीसद बढ़कर 3.29 लाख करोड़ पर पहुंचा डिजिटल भुगतान

UPI pay

यूपीआई

नई दिल्ली। भारत में कोरोना संकट के इस दौर में डिजिटल भुगतान का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। इसके बावजूद लोग नकदी का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक, 2016 में नोटबंदी के समय देश की अर्थव्यवस्था में नकदी का चलन 17.97 लाख करोड़ रुपये था जो बीते चार साल में यानी 25 सितंबर, 2020 तक 52 फीसद बढ़कर 25.85 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है।

वहीं, बीते छह महीने यानी मार्च से लेकर सितंबर तक यूपीआई के जरिये डिजिटल भुगतान भी 60 फीसद बढ़कर 3.29 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, लोग अपने पास के किराना स्टोर से ही अभी ज्यादा सामान ले रहे हैं। इससे नकदी का चलन बढ़ा है।

आधार कार्ड अब दिखेगा एटीएम कार्ड की तरह, जानें पाने का आसान तरीका

कोरोना संकट के कारण लाखों लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी है। इसी अनुपात में वेतन में भी कटौती की कई है। लोगों में अपने भविष्य को लेकर डर बढ़ गया है। इसके चलते लोगों ने यात्रा, ईंधन, कपड़े और दूसरे गैर जरूरी खर्चों में कटौती की है।

वहीं, दूसरी ओर रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों ने बचत खाता पर ब्याज घटाकर 2.7 फीसद कर दिया है। इससे लोगों ने अपने घर पर ही नकदी रखना बेहतर समझा है। इससे अर्थव्यवस्था में नकदी का चलन बढ़ा है।

नोटबंदी के बाद से सरकार लगातार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। कोरोना महामारी के संक्रमण रोकने के लिए डिजिटल लेनदेन एक सुरक्षित तरीका सामने आया है।

नोट से संक्रमण फैलने के खतरे चलते पहली दफा लाखों लोगों ने डिजिटल लेनदेन शुरू किया है। लोग दूध के बिल से लेकर मकान का किराया तक डिजिटल पेमेंट्स के जरिए कर रहे हैं। ऐसे में अकसर भीड़भाड़ रहने वाले एटीएम अब खाली पड़े हुए हैं। कोरोना के डर से एटीएम जाकर नकदी निकालने में लोग पीछे हट रहे हैं।

Exit mobile version