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राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक हुए दिलीप कुमार, नम आंखों से दी गई विदाई

alvida dilip kumar

alvida dilip kumar

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उन्हें सांताक्रूज मुंबई में स्थित जुहू के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। खबरों की मानें तो कोविड नियमों के अनुसार उनके अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोग ही शामिल हो पाएं।

दिलीप साहब 98 साल के थे। पिछले कुछ दिनों से वह काफी बीमार चल रहे थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी, इस वजह से वह मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में भर्ती थे और आज (बुधवार) सुबह उन्होंने आखिरी सांसे लीं।

दिलीप साहब 98 साल के थे। पिछले कुछ दिनों से वह काफी बीमार चल रहे थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी, इस वजह से वह मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में भर्ती थे और आज (बुधवार) सुबह उन्होंने आखिरी सांसे लीं। दिलीप साहब के निधन पर आज पूरा बॉलीवुड सदमे में है। इंडस्ट्री के तमाम सितारे उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

दिलीप साहब के निधन पर आज पूरा बॉलीवुड सदमे में है। इंडस्ट्री के तमाम सितारे उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

शाहरुख खान, करण जौहर से लेकर रणबीर कपूर तक दिलीप साहब के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर पहुंचे थे। बता दें, दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था। उनका जन्म पाकिस्तान के पेशावर में 11 दिसंबर 1922 को हुआ था। उनका बचपन मुफलिसी में गुजरा था। उनके पिता फल बेचकर परिवार की जरूरतों को पूरा करते थे।

वे विभाजन के बाद परिवार के साथ मुंबई आकर रहने लगे। जब पिता को व्यवसाय में घाटा हुआ, तो दिलीप को काम करने की जरूरत महसूस हुई। उन्हें पुणे की एक कैंटीन में काम मिल गया। इसी जगह दिलीप कुमार की मुलाकात एक्ट्रेस देविका रानी से हुई। उन्होंने नौजवान दिलीप कुमार को एक्टर बनने के लिए कहा।

बता दें, दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था। उनका जन्म पाकिस्तान के पेशावर में 11 दिसंबर 1922 को हुआ था। उनका बचपन मुफलिसी में गुजरा था। उनके पिता फल बेचकर परिवार की जरूरतों को पूरा करते थे। वे विभाजन के बाद परिवार के साथ मुंबई आकर रहने लगे। जब पिता को व्यवसाय में घाटा हुआ, तो दिलीप को काम करने की जरूरत महसूस हुई। उन्हें पुणे की एक कैंटीन में काम मिल गया। इसी जगह दिलीप कुमार की मुलाकात एक्ट्रेस देविका रानी से हुई। उन्होंने नौजवान दिलीप कुमार को एक्टर बनने के लिए कहा।

कहा जाता है कि देविका रानी ने ही ‘युसूफ खान’ को उनका फिल्मी नाम ‘दिलीप कुमार’ दिया। दिलीप फिल्मों में कदम रखने के कुछ समय बाद ही मशहूर हो गए। वे फिल्मी पर्दे पर दुखभरे रोल निभाकर इतने मशहूर हुए कि लोग उन्हें ‘ट्रेजडी किंग’ कहने लगे।

कहा जाता है कि देविका रानी ने ही ‘युसूफ खान’ को उनका फिल्मी नाम ‘दिलीप कुमार’ दिया। दिलीप फिल्मों में कदम रखने के कुछ समय बाद ही मशहूर हो गए। वे फिल्मी पर्दे पर दुखभरे रोल निभाकर इतने मशहूर हुए कि लोग उन्हें ‘ट्रेजडी किंग’ कहने लगे। दिलीप कुमार 25 साल की उम्र में ही देश के टॉप एक्टर बन गए थे। दिलीप कुमार ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत 1944 में आई फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से की थी, लेकिन 1947 में आई फिल्म ‘जुगनू’ उनकी पहली हिट फिल्म थी। साल 1949 में दिलीप हिट फिल्म ‘अंदाज’ में राज कपूर के साथ नजर आए। वे इसके बाद ‘दीदार (1951)’, ‘देवदास (1955)’ से खूब मशहूर हुए। लोग उन्हें गंभीर किस्म के रोल में काफी पसंद करने लगे थे।

दिलीप कुमार के जीवन में 60 का दशक खास मायने रखता है। वे 1960 में फिल्म ‘मुगले-ए-आजम’ में नजर आए, जिसने उन्हें एक अलग ही मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया था। इसी दौर में सायरा बानो ने उनके जीवन में कदम रखा था। उन्होंने 1966 में अपने से 22 साल छोटी एक्ट्रेस सायरा से शादी की थी। दिलीप कुमार 90 के दौर तक फिल्मों में काम करते रहे थे। उन्हें फिल्म ‘शक्ति’ के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था, जिसमें वे अमिताभ बच्चन के साथ नजर आए थे। आखिरी बार वे फिल्म ‘किला’ में नजर आए थे, जो 1998 में रिलीज हुई थी।

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