लखनऊ| राज्य सरकार शहरी निकायों में अकेंद्रीयत सेवा के चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया को खत्म करने जा रही है। केवल मृतक आश्रित कोटे के पदों पर ही स्थाई नियुक्तियां की जाएंगी और शेष पदों को आउट सोर्सिंग से भरा जाएगा। साल भर पहले शुरू हुई इस कवायद को जल्द ही अमली जामा पहनाया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर पालिका, जल संस्थान (अकेंद्रीयत) सेवानियमावली को कैबिनेट से मंजूर कराने जा रही है।
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प्रदेश में मौजूदा समय 707 निकाय हैं। इसमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 490 नगर पंचायतें हैं। निकायों में अकेंद्रीयत और केंद्रीयत सेवा के कर्मी रखे जाते हैं। केंद्रीयत सेवा की कर्मियों की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग करता है। अकेंद्रीय सेवा के कर्मियों की भर्ती निकाय स्तर पर होती है।
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चतुर्थ श्रेणी के पदों के अलावा अन्य पदों पर भर्ती के लिए भी पारदर्शी व्यवस्था की जा रही है। निकायों को हर साल मई में रिक्त पदों का ब्योरा तैयार करते हुए स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजना होगा। वहां से अनुमति लेने के बाद विज्ञापन प्रकाशित कराते हुए आवेदन लिया जाएगा। इसके पहले नियुक्ति प्राधिकारी को जिला रोजगार कार्यालय से अभ्यर्थियों के नामों की सूची प्राप्त करनी होगी। रोजगार कार्यालय में पंजीकरण कराने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।