• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

‘रोग, शत्रु और सांप को कभी नहीं करना चाहिए नजर अंदाज

Writer D by Writer D
14/07/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, फैशन/शैली
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार रोग, शत्रु और सांप पर आधारित है।

‘रोग, शत्रु और सांप को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। दोबारा हमला कर सकते हैं।’ आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य के इस कथन का मतलब है कि मनुष्य को जिंदगी में कभी भी तीन चीजों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ये तीन चीजें आपको अपनी चपेट में लेने से एक बार तो छोड़ देगीं लेकिन मौका मिलते ही दोबारा अपनी गिरफ्त में ले सकती हैं। ये तीनों चीजें इतनी शक्तिशाली होती हैं कि इनसे बच पाना बहुत मुश्किल होता है। ये तीन चीजें रोग, शत्रु और सांप हैं।

अगर मनुष्य के शरीर को कोई रोग एक बार लग जाए तो उससे बाहर निकलना बड़ा मुश्किल होता है। कई बार इंसान इससे बच भी जाता है लेकिन ऐसा नहीं है कि ये दोबारा आप को अपनी चपेट में न लें। ठीक इसी प्रकार सांप होता है। सांप की प्रवृत्ति घात लगाकर हमला करने की होती है।

एक बार अगर आप सांप के चंगुल में आने से बच गए तो ये बिल्कुल न सोचे कि वो आप पर दूसरी बार अटैक नहीं करेगा। सांप हमेशा घात लगाकर हमला करता है। सांप के डसने से इ्ंसान का बचना नामुमकिन होता है। अगर बच भी जाए तो वो आप समझ जाइए कि आपसे ज्यादा भाग्यशाली कोई और नहीं हैं। लेकिन हर बार आप बच जाएं ये भी जरूरी नहीं है।

शत्रु की बात की जाए तो वो भी सांप के जहर से कम नहीं होता। शुत्र तब तक फिर भी बेहतर होता है जब तक वह चोटिल न हो। यानि कि आपने द्वारा उसे कोई तुरंत आघात न पहुंचा हो। शत्रु उस जंगली शेर के समान होता है जो चोटिल होने पर और भी घातक हो जाता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कभी भी रोग, शत्रु और सांप को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। दोबारा हमला कर सकते हैं।

Tags: chanakyachanakya nitichanakya niti in hindichanakya niti life lessonschanakya niti quoteschanakya quoteschanakya storiesJeevan Mantrashort note on chanakyaचाणक्य नीतिचाणक्य ने अनमोल विचार
Previous Post

जवां स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं तुलसी से बना ये एंटी एजिंग फेसपैक

Next Post

गलत खानपान है बॉडी में यूरिक एसिड बढ़ने की सबसे बड़ी वजह

Writer D

Writer D

Related Posts

Half-Burnt Wick
धर्म

इस तेल का दीपक जलाने से ग्रहों के दोष से मिलती है मुक्ति

12/10/2025
Havan
फैशन/शैली

बढ़ते कर्ज से मिलेगी मुक्ति, घर आएगी सुख-समृद्धि

12/10/2025
Acne
फैशन/शैली

पीठ के मुहांसों से है परेशान, तो करें ये उपचार

12/10/2025
shahi-lauki
Main Slider

आज बनाएं टेस्टी शाही डिश, नाम की जैसा ही है इसका मिजाज

12/10/2025
Bee Attack
फैशन/शैली

मधुमक्खियों को इन उपायों से करें घर के बाहर

12/10/2025
Next Post
Uric acid problem

गलत खानपान है बॉडी में यूरिक एसिड बढ़ने की सबसे बड़ी वजह

यह भी पढ़ें

horoscope

22 मार्च राशिफल: आज इन राशियों के लिए शानदार रहेगा दिन

22/03/2022

रियलमी ने अपने पुराने बजट स्मार्टफोन को किया रीफ़्रेश, पढ़ें  नए फीचर्स

27/06/2021

सीएम योगी का बड़ा ऐलान, होली तक गरीबों को मिलेगा फ्री राशन

03/11/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version