यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में एसडीएम रामसनेहीघाट आवास के सामने बने एक धार्मिक स्थल (मजार) को लेकर विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि इसको लेकर शुक्रवार की रात एसडीएम आवास के पास ईंट व पत्थर फेंके गए। पुलिसकर्मियों पर भी पथराव की सूचना है। बवाल की आशंका के मद्देनजर मौके पर भारी पुलिस बल को मौजूद कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, भीड़ के अचानक पथराव से सुरक्षाकर्मी अवाक रह गए। हालांकि, इस पथराव में सुरक्षाकर्मी बाल-बाल बच बचे। मौके पर ईंट-पत्थर पूरी तरह बिखरे पड़े हैं। आसपास के थानों की फोर्स बुलाई गई। घटनास्थल पर आला अधिकारी पहुंच गए हैं।
बताया जा रहा है कि बाराबंकी में जिला प्रशासन ने सड़क किनारे से एक मजार को हटा दिया था। साथ ही सड़क किनारे या सड़क पर अतिक्रमण कर बने हुए धार्मिक स्थलों की सूची भी शासन को भेज दी। एक मजार को हटाने के लिए नोटिस जारी किए जाने के बाद से माहौल गर्म था। इसको लेकर किसान नेता आशु चौधरी ने वहां के एसडीएम रामसनेहीघाट से फोन पर पैरवी भी की थी। हालांकि, एसडीएम ने उन्हें जमकर फटकार लगाई थी, जिसका ऑडियो वायरल हो गया है।
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दरअसल, किसान नेता आशु चौधरी और एसडीएम की पोस्ट पर तैनात दिव्यांशु पटेल के बीच मजार को ना हटाने की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। इस वायरल ऑडियो में किसान नेता एसडीएम से मजार को ना हटाने की पैरवी कर रहे हैं। जबकि एसडीएम की ओर से कहा जा रहा है कि वह अपने काम से काम रखें, शासन के काम में दखलअंदाजी ना करें।
वायरल ऑडियो में सुना जा सकता है कि एसडीएम दिव्यांशु पटेल और आशु चौधरी के बीच तहसील के पास सड़क किनारे बनी मजार को लेकर बात हो रही है। एसडीएम ने फोन करने का कारण पूछा तो आशु चौधरी ने कहा कि मजार के सबंध में किया है। इसपर एसडीएम भड़क उठे।
एसडीएम ने किसान नेता को नेतागिरी न करने की ताकीद की और कहा कि किसानों से जुड़ी कोई समस्या हो तो बताओ। एसडीएम ने किसान नेता को जमकर फटकार लगाई।