नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव और चीनी कंपनियों तथा सामान के भारत में बहिष्कार के आह्वान के बावजूद चीन की मोबाइल कंपनी वीवो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टाइटल प्रायोजक बनी रहेगी।
आईपीएल के 13वें संस्करण के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 19 सितम्बर से आयोजन को भारत सरकार की हरी झंडी मिल गयी है। टूर्नामेंट 19 सितम्बर से 10 नवम्बर तक होगा। उधर, आरएसएस-संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने सोमवार को कहा कि लोगों को टी -20 क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए।
चीन को मिलेगा करार जवाब, भारत ने नॉर्दर्न लद्दाख इलाके में तैनात किए हैवी टैंक
स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि टी 20 क्रिकेट मैचों का आयोजन करने वाली संस्था इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) द्वारा एक चीनी मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाने का फैसला चकित करने वाला है। अपने इस निर्णय से आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने चीन के जघन्य कृत्य द्वारा शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपना अपमान प्रकट किया है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम आईपीएल आयोजकों से निवेदन करते हैं कि वे चीनी कंपनी को अपने प्रायोजकों के रूप में अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें, यदि ऐसा नहीं किया जाता तो हमें मजबूरन देशभक्त नागरिकों को आईपीएल का बहिष्कार करने के लिए आह्वान करना होगा। याद रखें राष्ट्र की सुरक्षा और गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है।
10 घंटे तक चली बातचीत, भारत की चीन को दो टूक, LAC से पूरी तरह पीछे हटें
उधर, कैट ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है, ‘बीसीसीआई का यह कदम देश में कोरोना को रोकने की सरकार की नीति और क़दमों के खिलाफ होगा। यह बीसीसीआई का एक पलायनवादी कदम है जो पैसे के प्रति उनकी भूख और लालच को दर्शाता है।’
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा, ‘ओलंपिक और विंबलडन जैसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन कोरोना के कारण रद्द कर दिए गए हैं। बीसीसीआई भारत में आईपीएल को भारत में आयोजित नहीं कर सकता है, ऐसे में जिद्दी रवैया अपनाते हुए उसने दुबई में इसे आयोजित करने का निर्णय ले लिया है, जो स्पष्ट रूप से आईपीएल के द्वारा पैसे इकठ्ठा करने की बीसीसीआई की नीयत को दर्शाता है।’