लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को बाढ़ राहत कार्य को शीर्ष प्राथमिकता देने का निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त कृषि फसलों का तत्काल सर्वे कराया जाय।
राहत आयुक्त संजय गोयल ने शुक्रवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता देने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को बाढ़ से क्षतिग्रस्त कृषि फसलों का भी सर्वे तत्काल कराने के साथ-साथ जिन किसानों की फसले बाढ़ के कारण नष्ट हुयी है उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान देने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री गोयल ने बताया कि राज्य में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एनडीआरएफ की 10 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 की सात टीमें व पी0ए0सी0 की नौ टीमें इस प्रकार कुल 26 टीम तैनाती की गयी है। उन्होने बताया कि 152 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है।
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उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री रखी गयी है। बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 384 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 14 जिले अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 421 गांवों बाढ़ से प्रभावित है।
गोयल ने बताया कि गंगा नदी गायघाट (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 528 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,49,670 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,807 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।
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से निपटने के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जिला आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।