उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले के विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट जैनुद्दीन अंसारी ने एक अधिवक्ता के साथ अपशब्दों का प्रयोग कर कॉलर पकड़ने, धमकी देने व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में एआरटीओ कार्यालय में तैनात संभागीय निरीक्षक विष्णु कुमार और कर्मचारी आशीष मिश्रा को न्यायालय में 22 फरवरी को तलब किया है।
न्यायालय सूत्रों के अनुसार कोतवाली खलीलाबाद थाना क्षेत्र के एआरटीओ के निकट स्थित दुर्गा निवास में रहने वाले अनूप कुमार निगम ने अपने अधिवक्ता दिनेश चंद्र उपाध्याय के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दाखिल कर कहा कि वह सिविल कोर्ट में अधिवक्ता हैं।
बीते 19 अक्टूबर को सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में कार्यरत संभागीय निरीक्षक विष्णु कुमार के पास अपने ड्राइवरी लाइसेंस के सिलसिले में समस्या को लेकर गए थे जहां समस्या का हल निकालने के लिए कुछ धनराशि के लेन-देन की बात कही गई। उनके द्वारा पैसा न दिए जाने पर संभागीय निरीक्षक विष्णु कुमार और उनके कर्मचारी आशीष मिश्रा ने धमकी दी और जाति सूचक अपशब्दों का प्रयोग कर हाथ-पैर तोड़ डालने की बात कही गई। कॉलर पकड़कर कमरे से बाहर करने के साथ ही भीड़ में अपमानित किया गया।
कल्पवास से हम बुद्धि को भगवान में समर्पित करते हैं : शंकराचार्य
उन्होंने उसी दिन थाने पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद पुलिस अधीक्षक को भी घटना की सूचना जरिये रजिस्ट्री दी। फिर भी कोई कार्रवाई न होने पर न्यायालय में परिवाद दाखिल किया।
न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात मामले को गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए आरोपित विष्णु कुमार व आशीष मिश्रा को मारपीट करने व धमकी देने के साथ ही अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत विचारण के लिये 22 फरवरी को तलब किया है।