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पेंशन दिलाने के बहाने डॉक्यूमेंट लिए, 86 लाख का GST नोटिस मिलने पर हुआ खुलासा

Divyang gets GST notice of 86 lakhs

Divyang gets GST notice of 86 lakhs

महराजगंज। जिले से फर्जीवाड़े का बड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के एक दिव्यांग (Divyang) दृष्टिहीन युवक को 86 लाख रुपये का GST नोटिस मिला है। पीड़ित ने महराजगंज के डीएम को लिखित शिकायत दी है और बताया कि उसके नाम पर बिना जानकारी के फर्म रजिस्टर है। अब इस फर्म के नाम पर उसके ऊपर 86 लाख रुपये का GST का बकाया थोप दिया गया है।

मामला बृजमनगंज थाना क्षेत्र के करमहा गांव का है। यहां के रहने वाले दिव्यांग (Divyang) दृष्टिहीन बबलू ने डीएम को शिकायत की। बबलू ने बताया कि वह जन्म से ही विकलांग है और आर्थिक रूप से बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है।

पीड़ित ने बताया कि करीब दस वर्ष पहले उसके गनशपुर गांव के अग्रहरी ट्रेडर्स के मालिक आदेश अग्रहरी का बेटा बासुदेव अग्रहरी और उसके मुनीब-रजनीश ने विकलांग पेंशन दिलवाने के नाम पर उससे उसका डॉक्यूमेंट ले लिए। 5-6 महीने तक टालमटोल करने के बाद भी जब पेंशन खाते में नहीं आया। इस पर पीड़ित ने कई बार उनसे पूछताछ की, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

दृष्टिहीन दिव्यांग (Divyang) को 86 लाख GST नोटिस

इस बीच 29 जून 2025 को उसके घर पर अमीन नोटिस लेकर पहुंचा और बताया कि उसके नाम से वर्ष 2016-17 का 86 लाख रुपये का जीएसटी बकाया दर्ज है। यह सुनकर दृष्टिहीन युवक के पैरों तले जमीन खिसक गई। बबलू ने बताया कि वह न कभी किसी फर्म का मालिक रहा और न ही किसी तरह के व्यापार से उसका कोई लेना-देना है। उसके पास इतना सामर्थ्य भी नहीं कि कोई व्यापार कर सके। नोटिस मिलने पर वह अग्रहरी ट्रेडर्स के पास गया। उसने अग्रहरी ट्रेडर्स के मालिक आदेश अग्रहरी से पूछताछ की तो उसने नोटिस लेकर यह कहकर निपटा दिया कि गलती से तुम्हारे नाम पर चला गया है।

सब ठीक हो जाएगा। साथ ही सारा दोष अपने मुनीब- रजनीश उर्फ राजन पर डाल दिया। पीड़ित का कहना है कि गांव के संभ्रांत व्यक्तियों और अधिवक्ताओं से राय लेने के बाद साफ हो गया कि अग्रहरी ट्रेडर्स के मालिक व उसके मुनीब ने योजनाबद्ध तरीके से उसके नाम पर फर्जीवाड़ा किया है। पीड़ित बबलू ने जिलाधिकारी महराजगंज से मांग की है कि धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उसके नाम पर जारी जीएसटी रिकवरी नोटिस को निरस्त कराया जाए। साथ ही बैंक खाते और अन्य दस्तावेजों में हुए फ्रॉड की जांच कराकर दोशियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कि जाएं।

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