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फुटपाथ पर रह रहे परिवार को देखकर दिव्यांका त्रिपाठी ने लिखी कविता

Divyanka Tripathi

दिव्यांका त्रिपाठी

नई दिल्ली| दिव्यांका त्रिपाठी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह कई मजेदार पोस्ट करती रहती हैं। लेकिन हाल ही में उन्होंने फुटपाथ पर रह रहे एक परिवार की फोटो शेयर कर उनके लिए एक कविता लिखी है। दिव्यांका ने कैप्शन में लिखा, बीती रात ताजमहल पैलेस की फुटपाथ पर इन्हें देखा। कुछ लोग गरीबी देखेंगे, कुछ कहानी, लेकिन मैंने जो देखा वो था हर हाल में परिवार का साथ रहने की खूबसूरती।

दिव्यांका ने जो फोटो शेयर की है उसमें 2 बच्चे अपने मम्मी-पापा के साथ फुटपाथ पर सोए हुए हैं। इस फोटो के साथ दिव्यांका ने कविता लिखी है।

“जहां अपने, वहीं बना आशियाना”

घर की चार दीवारी, बिस्तर पर सोते बच्चे,

गोदी पर सर टिकाया टॉमी

और सोफे पर बैठे हम।

कभी लोन का डर, कभी काम की चिंता,

बहुत कुछ के बीच, सब कुछ की चाहत में,

टीवी पर टकटकी लगाए खयालों में खोए हम।

और एक तरफ आसमानी छत के नीचे,

फुटपाथ की तकिया पर सिमटे मासूमों का नसीब।

वो मोती जो पालतू नहीं पर है बहुत करीब।

सड़क पर घर सजाए – वो हैं बहुत गरीब।

सिमटे बैठे हैं-

गौर से देखो तो डर नहीं यह प्यार है,

तस्वीर खींचने वाले से हिचक नहीं,

जहन में इत्मिनान है।

टीवी नहीं फोन पर देखते हैं कहानियां,

आज में जीते हैं, कल तो देगा ही हैरानियां,

एक पल में जैसे जिन्दगी का फलसफा सिखा जाना,

रुक बेचैन मन- जहां अपने, वहीं बना आशियाना !

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