सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि प्रदेश के किसी भी जिले में सरकारी या निजी अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन लगाए मरीज मिले तो डीएम और सीएमओ जवाबदेह होंगे।
किसी भी गंभीर मरीज को बेड मिलने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय इस पर लगातार नजर रखेगा।
राजधानी समेत कई जिलों में कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती न किए जाने की मिल रही सूचनाओं को सीएम ने काफी गंभीरता से लिया है। सोमवार को टीम-11 की बैठक में उन्होंने सभी जिलों में सेक्टर प्रणाली लागू कर सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी बोले- एक-एक व्यक्ति की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता
संबंधित क्षेत्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट अस्पतालों पर नजर रखेंगे। अगर कहीं मरीजों को भर्ती कराने में दिक्कत आ रही है तो बेड दिलाने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा जरूरत ऑक्सीजन की हो, वेंटिलेटर की हो अथवा जीवनरक्षक दवाओं की, तत्काल उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। बेड आवंटन और डिस्चार्ज पॉलिसी प्रभावी ढंग से लागू कराया।
उन्होंने चेताया कि किसी भी जिले में शासनादेशों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित डीएम और सीएमओ पर कार्रवाई की जाएगी।