कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक अजय राय के नाम जारी शस्त्र लाइसेंस को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने रद्द कर दिया। चेतगंज पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर उक्त कार्रवाई की गई है।
पूर्व विधायक अजय राय पर अलग-अलग थानों में कुल 26 मुकदमे पंजीकृत हैं। डीएम के आदेश पर बीते साल सभी लाइसेंस का सत्यापन कराया जा रहा था। साथ ही जिन लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, डीएम ने उनकी रिपोर्ट मांगी थी। इस समीक्षा के कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक अजय राय पर भी कार्रवाई करते हुए उनकी पिस्टल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
चेतगंज इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि अजय राय पर विभिन्न मामलों में 26 मुकदमे पंजीकृत होने की रिपोर्ट भेजी गई थी। डीएम के निरस्तीकरण आदेश में लिखा गया है कि लाइसेंसधारी विभिन्न आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है। यह उसके आपराधिक चरित्र को प्रमाणित करता है।
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ऐसे लोगों के पास शस्त्र और शस्त्र लाइसेंस रहना अहितकारी है। वहीं इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेताओं समेत अजय राय को भी आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार द्वेषपूर्ण कार्रवाई कर रही है। आपको बता दें कि विधायक अजय राय का नाम बाहुबली विधायकों में लिया जाता है।
अजय राय 5 बार विधायक रह चुके हैं और पहले भारतीय जनता पार्टी में ही थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से उनकी जगह बीजेपी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को टिकट दे दिया। इससे नाराज अजय राय ने पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था।
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उस साल उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे थे। उस समय मुरली मनोहर जोशी की जीत हुई थी और बसपा के बाहुबली मुख्तार अंसारी को दूसरा स्थान मिला था। उस समय अजय राय को 1,23,874 मत मिले थे। बाद में अजय राय ने समाजवादी पार्टी भी छोड़ दी और निर्दलीय विधायक चुने गए. विधायक बनने के बाद अजय राय कांग्रेस में शामिल हो गए।.