नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी (Haldwani Violence) में फैली हिंसा की वजह से शहर का माहौल तनावपूर्ण है। यहां पर गुरुवार को अतिक्रमण हटाने गयी अतिक्रमण हटाने गई पुलिस प्रशासन की टीम पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया और भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया। हिंसा ( Haldwani Violence) की इस घटना में 2 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, हिंसा को लेकर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह (DM Vandana Singh) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शुक्रवार को जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बड़ा खुलासा किया। डीएम ने कहा कि साजिश के तहत पुलिस टीम पर हमला किया गया है और पुलिस वालों को थाने में जिंदा जलाने की कोशिश की गई।
डीएम वंदना सिंह (DM Vandana Singh) ने कहा, ‘आप (वीडियो में) देख सकते हैं कि पुलिस बल और प्रशासन किसी को उकसा नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘…हाईकोर्ट के आदेश के बाद हलद्वानी में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई…सभी को नोटिस और सुनवाई का समय दिया गया…कुछ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया, वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम द्वारा विध्वंस अभियान चलाया गया। यह कोई अलग गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को लक्षित नहीं किया गया था..।’
वंदना सिंह (DM Vandana Singh) ने आगे कहा, ‘हमने ध्वस्तीकरण अभियान जारी रखने का फैसला किया, विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीमें और संसाधन चले गए और न किसी को उकसाया या नुकसान पहुंचाया। जान-माल को नुकसान पहुंचाने के लिए (पुलिस और प्रशासन द्वारा) कोई कार्रवाई नहीं की गई। ध्वस्तीकरण अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ। पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद, आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ घंटे ने हमारी नगर निगम सहयोग टीम पर हमला किया।’
पेट्रोल बम से हमला
डीएम नैनीताल (DM Vandana Singh) ने कहा, ‘ध्वस्तीकरण अभियान शांतिपूर्वक शुरू हुआ, रोकथाम के लिए फोर्स तैनात की गई। हमारी नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया। योजना बनाई गई थी कि जिस दिन ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जाएगा उस दिन फोर्स पर हमला किया जाएगा। पहली भीड़ ने पत्थराव किया और दूसरी भीड़ आई उसके पास पेट्रोल बम थे। यह बेवजह था और हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया।’
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उन्होंने कहा, ‘थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा…पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया..बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। घटना में अब तक 2 लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘भीड़ इस अवैध स्ट्रक्चर को बचाने की कोशिश नहीं कर रही थी वो लोग तो बस Administration को मारने की कोशिश कर रहे थे .. वो सरकार को बताना चाहते थे कि हम कानून से ऊपर हैं।’