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बुद्ध पूर्णिमा इस विधि से करें पूजा, सुख-समृद्धि से भर जाएगा घर

Buddha Purnima

Buddha Purnima

हिंदू पंचांग के अनुसार, यह हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु के नौवें अवतार का जन्म हुआ था। इसलिए यह तिथि बौद्ध और हिंदू दोनों धर्मों के लिए महत्वपूर्ण होती है। इस दिन भगवान बुद्ध का सिर्फ जन्म ही नहीं बल्कि इसी तिथि को वर्षों वन में भटकने व कठोर तपस्या करने के पश्चात बोधगया में बोधिवृक्ष नीचे बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ। बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) पर स्नान-दान के साथ महात्मा बुद्ध के शिक्षाओं के प्रसार-प्रचार का भी बहुत महत्व है।

बुध पूर्णिमा (Buddha Purnima) शुभ मुहूर्त

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के दिन वरियान और रवि योग का संयोग बन रहा है। वहीं इस दिन रवि योग सुबह 5 बजकर 32 मिनट से लेकर 06 बजकर 17 मिनट तक है। इसके अलावा भद्रावास का भी संयोग है जो सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। मान्यता है कि इस योग में पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

पीपल वृक्ष की पूजा विधि

वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का खास महत्व होता है।पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है और इसे एक पवित्र वृक्ष माना जाता है। कहते हैं इस वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह शुद्ध जल से स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। फिर किसी हरे भरे पीपल पेड़ का पेड़ चुने या घर के नजदीक किसी मंदिर पास जाएं जहां पीपल का पेड़ हो। उसके बाद पेड़ के नीचे साफ-सफाई कर आसन बिछाकर बैठे। फिर पेड़ की जड़ में शुद्ध जल का छिड़काव करें।

पीपल के पेड़ के नीचे दीपक और धूप जलाएं। फिर ताजे फूल चढ़ाएं, खासकर सफेद और पीले रंग के फूल चढ़ाएं। पीपल के पेड़ की पूजा करते हुए भगवान बुद्ध की पूजा करें और विशेष रूप से ॐ मणि पद्मे हूँ का मंत्र जाप करें। साथ ही दूध, शहद, घी और पानी का मिश्रण चढ़ाएं। पूजा संपन्न होने के बाद एक बर्तन में पानी और फूल डाले और चंद्रमा की ओर उछालें। इसके बाद अगले दिन चंद्रमा दर्शन के बाद पारण करना चाहिए।

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) पूजा मंत्र

बुद्धि पूर्णिमा की दिन पीपल के पेड़ की पूजा का खास महत्व है। ऐसे में आपको ॐ मणि पद्मे हुं मंत्र का जाप करना चाहिए।

पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए ऊं एं क्लीं सोमाय नम: मंत्र का जप करना चाहिए।

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के उपाय

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें 11 कौड़ियां अर्पित करें। उसके बाद इन कौड़ियों को लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। इसके अलावा इस दिन माता लक्ष्मी को एकाक्षी नारियल अर्पित करें और अगले दिन उस नारियल को तिजोरी या उस स्थान पर रखें, जहां आप पैसे रखते हैं ऐसा करने से सुख-संपन्नता आती है।

वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध और लक्ष्मी नारायण की पूजा करने के साथ सूर्य देव की पूजा का भी खास महत्व है। वैशाख पूर्णिमा की रात दूध में चीनी और चावल डालकर अर्घ्य दें। ऐसा करने से पैसों की तंगी के छुटकारा मिलता है।

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