शक्ति की साधना और आराधना शुरू हो जाएगी। इस बार 03 से 12 अक्तूबर तक नवरात्रि रहेगी। शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा का पृथ्वी पर आगमन पालकी, डोली की सवारी के साथ होगा। मां दुर्गा की पूजा, कलश और घटस्थापना (Kalash Sthapana) हमेशा घर की सही दिशा में करना चाहिए। आइए जानते हैं किस दिशा में करें कलश स्थापना व मां दुर्गा की पूजा-
कलश स्थापना (Kalash Sthapana) मंत्र- ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:। पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।।
किस दिशा में करें कलश स्थापना (Kalash Sthapana) :
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के ईशान कोण या पूरब-उत्तर की दिशा में कलश स्थापित (Kalash Sthapana) करना चाहिए। वहीं, उत्तर या पूरब की दिशा में भी कलश व घटस्थापना कर सकते हैं। इसके बाद कलश पर स्वास्तिक बनाएं। फिर मौली बांधे। कलश पर अष्टभुजी देवी स्वरूप 8 आम के पत्ते भी लगाए जाते हैं। चावल, सुपारी, सिक्का, रोली, लौंग अर्पित कर कलश स्थापित कर सकते हैं।
किस दिशा में करें मां दुर्गा की पूजा:
मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए। माना जाता है कि ईशान कोण की दिशा सबसे उत्तम व पवित्र होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की उत्तर-पूरब दिशा में मां दुर्गा की पूजा करना फलदायी रहेगा।
घटस्थापना व कलश स्थापना (Kalash Sthapana) का मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 03, 2024 को 00:18 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अक्टूबर 04, 2024 को 02:58 बजे
पहला मुहूर्त – 06:15 से 07:22
अवधि – 01 घण्टा 06 मिनट्स
अभिजित मुहूर्त – 11:46 से 12:33
अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स