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प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर में होने वाले बदलावों से न हों परेशान

प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर

प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर

लाइफ़स्टाइल डेस्क। शुरूआती तीन महीने अगर आपने कुछ सावधानियों का ध्यान रखते हुए अच्छे से गुजार लिए तो आने वाले तीन महीने आपको बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन इस दौरान भी किसी तरह की लापरवाही न बरतें। तो जानते हैं दूसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे मां के साथ बच्चे की सेहत भी रहे चुस्त-दुरूस्त।

दूसरी तिमाही

इस समय स्त्री अच्छा महसूस करती है। मूड भी अच्छा होता है, क्योंकि उल्टी, मॉर्निग सिकनेस और अन्य समस्याएं अब नहीं होतीं। हालांकि पेट का आकार बढने के कारण पीठ और थाइज में दर्द हो सकता है।

होने वाले बदलाव

1- प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर में शरीर के अन्य हिस्सों की तरह ब्रेस्ट का आकार भी बढ जाता है। ब्रेस्ट में दूध बनाने वाली ग्रंथियों का विकास हो जाता है।

2- ब्रैक्सन हिक्स में खिंचाव होने लगता है इसे प्रोड्रोमल लेबर भी कहते हैं। इस दौरान यूट्रस की मांसपेशियों में सिकुडन महसूस होने लगती है।

3- हॉर्मोनल बदलाव के कारण नाक से खून भी आ सकता है। इस दौरान शरीर में रक्तसंचार बढता है, जिसके कारण नाक से खून आता है। अगर ऐसा हो तो खून को रोकने के लिए अपने सिर को हमेशा सीधा रखें, पीछे की तरफ न झुकाएं। ठंडे पानी से नाक धोएं।

4- दूसरी तिमाही में अधिक भूख लगती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि जो खाएं वह पौष्टिक और संतुलित हो। क्योंकि वजन भी बढ सकता है।

5- पर्याप्त दूध और हाई प्रोटीन डाइट लें। 1 बडा बोल दाल लें इससे शरीर में सूजन नहीं आएगी। एनीमिया भी नहीं होगा। प्रोटीन ब्लड बनाने में भी मदद करता है।

सावधानियां

रुटीन चेकअप्स

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