आज के समय में जूते चप्पल (shoes and slippers) लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बनते जा रहें हैं. जूते चप्पलों (Footwear) से लोगों के व्यक्तित्व के बारे में भी अंदाजा लगाया जा सकता है. जब हम बाजार से नए जूते चप्पल खरीद कर पहनते हैं. तो हमें एक नई ऊर्जा का अहसास होता है, और हमारा कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ जाता है.
असल में जूते चप्पल (shoes and slippers) हमारे जीवन में बहुत प्रभाव डालते हैं, लेकिन इन्हीं जूते चप्पलों से जीवन में कई बार परेशानियां भी आ सकती है. कई दिन ऐसे हैं जिस दिन जूते या चप्पल खरीदना दुर्भाग्य (Unfortunate) ला सकता है. ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में जूते -चप्पल खरीदने से नुकसान की सम्भावना अधिक रहती है. तो चलिए जानते हैं जूते चप्पलों के कारण कैसे कोई परेशानी हमारे जीवन में आ सकती है.
किस दिन न खरीदें जूते चप्पल
आज के समय में जब हमें लगता है कि हमें अपने जूते चप्पल बदल लेना चाहिए. तो हम बाजार जाकर नए जूते चप्पल ले आते हैं. हम यह नहीं देखते हैं कि आज कौनसा दिन है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि अमावस्या, मंगलवार, शनिवार या ग्रहण वाले दिन जूते या चप्पल खरीदना दुर्भाग्य ला सकता है. ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में जूते-चप्पल खरीदने से नुकसान की सम्भावना अधिक रहती है.
जूते पहन कर न जाएं यहां
ऐसी भी का मान्यता है कि जूते या चप्पल पहनकर कभी भी घर की तिजोरी या वह स्थान जहां हम पैसा रखते हैं उसे नहीं खोलना चाहिए. ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि जूते या चप्पल पहनकर धन को छूने से भी मां लक्ष्मी का अपमान होता है.
मान्यता के अनुसार जूते-चप्पल पहनकर रसोईघर या आनाज भण्डार घर में भी नहीं जाना चाहिए. ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज़ हो जाती हैं. रसोई में जूते-चप्पल पहनकर खाना बनाने से परिवार में विश्वास की कमी होती है और घर में अशांति का वातावरण बनने लगता है.
ऐसी भी एक मान्यता है कि जूते-चप्पल पहनकर नदी या तालाब में नहाना नहीं चाहिए. ऐसा करने से भाग्य रूठ जाता है. इसके साथ ही जूते-चप्पल या चमड़े से बानी कोई भी चीज़ पहनकर मंदिर या पवित्र जगहों पर नहीं जाना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की उम्र कम होती है.
जूते चोरी होना
जूते-चप्पलों को लेकर यह भी मान्यता है की यदि मंदिर या अस्पताल से आपके जूते-चप्पल चोरी हो जाएं तो इससे आपका दुर्भाग्य दूर होता है. यदि आपके जूते-चप्पल पुराने हो गए हों तो शनिवार के दिन इन्हें किसी शनि मंदिर के बाहर छोड़ कर आ जाना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव की कुदृष्टि कुछ हद तक काम हो जाती है