कार्तिक मास (Kartik month) को बहुत पवित्र मास माना जाता है। इस महिने में पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार और मंदिरों में भी धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं। ये महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस महीने में एक के बाद एक कई त्योहार पड़ते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने चतुर्मास की समाप्ति के साथ भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद उठते हैं। कार्तिक मास (Kartik month) में खान-पान से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं जिनके अनुसार इन दिनों में कुछ चीजों से परहेज करने में ही आपकी भलाई हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन कार्तिक के महीने में करने की मनाही हैं। ये भाग्य और सेहत दोनों को प्रभावित करते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में…
पसंदीदा चीज का त्याग
भगवान कृष्ण के कई भक्त एक महीने में अपनी पसंद की किसी चीज का त्याग करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी को दूध पसंद है, तो वह एक महीने के लिए दूध और उसके उत्पादों को छोड़ देता है। इस त्याग से भगवान प्रसन्न होते हैं।
मछली
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में श्रीहरि मत्स्य अवतार में रहते हैं, इसलिए इस महीने में भूलकर भी मछली या फिर अन्य प्रकार की तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
बैंगन
कार्तिक के महीने में सब्जियों का राजा बैंगन भी नहीं खाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस माह में पित्त दोष संंबंधित बीमारी होने का खतरा रहता है और बैंगन पित्त दोष बढ़ाता है। इसके अलावा इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और बैंगन काम प्रवृत्ति को बढ़ाता है। इसलिए कार्तिक माह में धार्मिक दृष्टि से बैंगन खाना उचित नहीं है। उत्तेजना वर्धक होने की वजह से बैंगन को धार्मिक दृष्टि से अशुद्ध माना गया है।
चाय और कॉफी
जो लोग चाय और कॉफी का सेवन करते हैं वे भी कम से कम इस महीने इसे बंद कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर हर्बल चाय का सेवन कर सकते हैं।
जीरा
कार्तिक मास (Kartik month) में जीरे के उपयोग भी नहीं करना चाहिए। यूं तो जीरा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है, लेकिन कार्तिक के महीने में इसे खाने से नुकसान होता है।
प्याज और लहसुन से बना भोजन
कार्तिक मास के दौरान सादा भोजन करें, जो बिना प्याज और लहसुन से बना हो। घर का बना भोजन करें। बाहर खाने न जाएं। जहां तक संभव हो भोजन का निश्चित समय तय करें और रोज उसी समय ग्रहण करें। सूर्यास्त से पहले भोजन ग्रहण करना शुभ माना गया है।
दही
कार्तिक के महीने में दही का सेवन न करें तो आपकी सेहत और आर्थिक दृष्टि दोनों में लाभ होगा। कार्तिक में दही खाना संतान के लिए अशुभ माना जाता है।
करेला
करेला भी कार्तिक महीने में आपको अपनी डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए। दरअसल ये महीना भगवान विष्णु की उपासना का महीना माना जाता है। ऐसे में तीखे, चटपटे व तिक्त भोजन से परहेज़ करना चाहिए। करेला तिक्त भोजन की श्रेणी में आता है।