हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में दिवाली से लेकर भाई दूज और छठ जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ते हैं। कार्तिक माह की पूर्णिमा को साल की सबसे पवित्र और शुभ पूर्णिमा माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली और गुरुनानक जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और अपने सामर्थ्यानुसार दान देते हैं। पूर्णिमा के दिन पूजा-अनुष्ठान और दीपदान जैसे कार्य किए जाते हैं। इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही रूप में बहुत महत्व है।
इस साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) 15 नवंबर शुक्रवार को पड़ रही है। कार्तिक पूर्णिमा धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। धर्म शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिन्हें इस शुभ दिन पर नहीं करना चाहिए। इन कार्यों को करने से व्यक्ति को अशुभ परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या नहीं करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर न करें ये काम
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही रूप में बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसलिए इस दिन दरवाजे से किसी भी जरूरतमंद या गरीब को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। इस दिन गरीब, जरूरतमंद, असहाय और बुजुर्गों से बुरा व्यवहार भी नहीं करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए। इस दिन किसी का अपमान करने से देवी-देवता नाराज हो सकते हैं और दोष लगने का भय रहता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तामसिक चीजें बिल्कुल भी नहीं खानी या पीनी चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा का दिन दान देने के लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन इस दिन चांदी के बर्तन, दूध या दूध से बनी चीजों का दान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। चांदी के बर्तन और दूध का दान करने चंद्र दोष लग सकता है, जिससे व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के किसी भी कमरे में अंधेरा नहीं रखना चाहिए। साथ ही, कार्तिक पूर्णिमा के दिन को गंदा नहीं रखना चाहिए। इस दिन साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के धन की देवी लक्ष्मी मां अंधेरा और गंदगी देख आपके दरवाजे से लौट सकती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस-मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन काले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए और पूर्णिमा के दिन बाल भी नहीं धोने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा का दिन पूजा-पाठ, भक्ति और आध्यात्मिक उत्थान का होता है, इसलिए इस दिन बाल धोने, कटवाने या ज्यादा श्रृंगार करने की मनाही होती है।
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन करें दान
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीपदान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन किए जाने वाले अन्न, धन और वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता है, उसका कई गुना लाभ मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा की रात को क्या करें
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन सफेद रंग के कपड़े पहनकर माता लक्ष्मी के मंदिर जाएं और वहां सूखा नारियल, मेवे, लाल चुनरी आदि चीजें आदि चीजें अर्पित करके उनकी आरती करें। फिर रात के समय चंद्रमा की रोशनी में विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।