हाइपरटेंशन (hypertension) एक खतरनाक बीमारी हैं। इसका इलाज सही वक्त पर नहीं कराया गया तो मरीज की जान भी चली जाती हैं। क्योंकि इस बीमारी में हार्ट फेल होने का कतरा बढ़ जाता हैं। हाइपरटेंशन की वजह से कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती हैं। यह ऐसी बीमारी हैं जो कभी भी अपने चपेट में ले लेती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर में रक्त वाहिनियों में दबाव पड़ने लगता हैं। उनकी वॉल क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और उनमें ब्लॉकेज हो जाती हैं। अगर किसी व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर 90 और 120 मिलीमीटर से ज्यादा और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 60 से 80 मिमी से ज्यादा होता हैं, तो वह हाइपरटेंशन का शिकार हो सकता हैं। हाई ब्लड प्रेशर को ही हाइपरटेंशन कहते हैं और इस बीमारी की वजह से हार्ट, ब्रेन और किडनी को गंभीर क्षति पहुंचती हैं।
काफी लंबे वक्त से हाइपरटेंशन (hypertension) होने पर हार्ट की मांसपेशियों में कमज़ोरी आ जाती हैं। हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती हैं। हाइपरटेंशन (hypertension) चिंता, गुस्सा, मानसिक विकार, अनियमित खान-पान, जीवनशैली में आए बदलाव, सिगरेट और एल्कोहल के ज़्यादा सेवन से हो सकता हैं। किडनी विकार की वजह से हाइपटेंशन के मामले भी देखे गए हैं। मोटापा, तनाव और नमक के ज़्यादा सेवन से हाइपरटेंशन हो सकता हैं। इसके अलावा जेनेटिक प्रोब्लम की वजह से भी हाइपरटेंशन होती हैं।
हाइपरटेंशन को बिना किसी ड्रग्स की सहायता से नॉर्मल लेवल पर लाया जा सकता हैं। इसके लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में पॉजिटिव बदलाव करने की ज़रूरत होती हैं। अपनी लाइफस्टाइल में निम्न बदलाव करें और हाइपरटेंशन से निज़ात पाएं। हाइपरटेंशन से बचने के लिए अपना वज़न कम करें। मोटापे से इसका ख़तरा दुगुना बढ़ जाता है।
नियमित एक्सरसाइज़ हाइपरटेंशन की समस्या से निज़ात दिलाती है। और मानसिक तनाव दूर होता हैं और ब्रेन को शांति मिलती हैं। स्मोकिंग हमारी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं। इसे छोड़ने से हाइपरटेंशन की समस्या से निज़ात पाया जा सकता हैं।