नई दिल्ली| भारतीयों के बीच सावधि जमा (एफडी) को एक सुरक्षित और निश्चित रिटर्न वाला निवेश विकल्प है। हालांकि, हाल के दिनों में कोरोना संकट के बाद बैंकों ने एफडी पर मिलने वाले ब्याज में बड़ी कटौती है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप एफडी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो एक साल के अधिक समय के लिए पैसा लगाना बेहतर नहीं है।
ऐसा इसलिए क्योंकि अगले एक साल में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। वहीं, अगर आप अभी पांच साल की अवधि के लिए एफडी में पैसा लगाते हैं तो इसका मतलब है कि आपको आज की दर पर ही फायदा मिलेगा। अगले साल ब्याज दरें बढ़ीं तो आपको उन बढ़ी हुई दरों का फायदा नहीं मिलेगा।
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बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि देश में बढ़ती महंगाई से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। साथ ही लॉकडाउन खत्म हो गया है पर फिर भी अच्छी आर्थिक ग्रोथ आने में दो से तीन वर्ष लग सकते हैं। ऐसे में यह संभावना नहीं है कि अगले एक साल में ब्याज दरें बहुत अधिक गिरें लेकिन अगले दो से तीन वर्षों में ब्याज दरों के बढ़ने की पूरी संभावना है। इसलिए एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिए निवेश करना समझदारी नहीं होगा। छोटी अवधि की एफडी पर चार फीसदी और लंबी अवधि के लिए 5 से 5.5 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है।
अगर आप एफडी पर अधिक ब्याज पाना चाहते हैं तो कॉरपोरेट एफडी में निवेश कर सकते हैं। कॉर्पोरेट एफडी बहुत हद तक बैंक एफडी के समान है, लेकिन बैंक एफडी की तुलना में कॉर्पोरेट एफडी के मामले में जोखिम थोड़ा ज्यादा होता है। हालांकि मजबूत और ज्यादा रेटिंग वाली कंपनियों की एफडी में जोखिम कम होता है। यह बिल्कुल उसी तरह से काम करती है, जैसे बैंक एफडी। इसके लिए फॉर्म कंपनी जारी करती है, जिसे आनलाइन भी भर सकते हैं।