हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा (Idol) को विशेष महत्व दिया जाता है. घर के मंदिर (Puja Ghar) में भी अक्सर उन चीजों को जगह दी जाती है, जिन्हें हम दिल से मानते हैं. घर के मंदिरों में हम देवी देवताओं की मूर्तियां रखते हैं. ये मूर्ति धातु या मिट्टी की हो सकती है. ऐसे में कई बार मन में यह सवाल उठता है, कि घर में रखे जाने वाली मूर्तियां (Idol) किस धातु की होनी चाहिए? वास्तु शास्त्र के अनुसार माना जाता है, कि पूजा के स्थान पर मूर्तियों के लिए वास्तु नियमों का पालन किया जाना जरूरी है. ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं, घर में किस तरह की मूर्तियां रखने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है.
-सोने और चांदी से बनी मूर्तियां (Idol)
हिन्दू धर्म में सोने एवं चांदी को पवित्र धातु माना जाता है. इन धातुओं से बनी मूर्तियां सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं. इसलिए इन धातुओं से बनी मूर्तियों को घर के मंदिर में रखने से घर में सकारात्मकता आती है और नकारात्मकता ख़त्म होती है. सोना बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और चांदी चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती है.
तांबे और पीतल से बनी मूर्तियां (Idol)
हिन्दू धर्म पुराणों के अनुसार तांबे की मूर्ति की पूजा करने से व्यक्ति को सोने की मूर्ति की पूजा करने के बराबर फल प्राप्त होता है. पीतल से बनी देवी-देवताओं की मूर्ति घर में रखने से और इनकी पूजा करने से घर के सदस्यों को पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है. साथ ही पीतल से बनी मूर्तियां घर के वातावरण को भी सवच्छ बनाने में सहायता करती है.
मिटटी से बनी मूर्तियां (Idol)
प्राचीन काल से हिन्दू धर्म में मिट्टी से बनी मूर्तियों का पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता आ रहा है. मिट्टी से बनी मूर्तियों को पवित्र माना जाता है. इसलिए यदि आप धातु से बनी मूर्तियों का उपयोग नहीं करना चाहते, तो मिट्टी से बनी मूर्तियों को अपने घर में रख सकते है. मान्यता के अनुसार मिट्टी से बनी मूर्तियों की पूजा करने से मन को शांति मिलती है और घर परिवार में खुशहाली का माहौल रहता है.
इन धातुओं का न करें इस्तेमाल
घर के मंदिरों में रखी जाने वाली देवी-देवताओं की मूर्तियां कभी भी स्टेनलेस स्टील या एल्युमिनियम की नहीं बनी होनी चाहिए. इन धातुओं से बनी मूर्तियों की पूजा करने से पूजा का सही और शुभ फल प्राप्त नहीं होता है.