आमतौर पर कहा जाता है कि जिस घर में हमेशा भोजन और पानी भरा रहता है, वह घर पूर्ण होता है। यानि घर में भोजन और पानी का स्थान निर्धारित करना बहुत जरूरी है। वास्तु के अनुसार जल का बर्तन (Pot) रखने के लिए एक विशिष्ट दिशा निर्धारित की गई है। यदि इस बात का ध्यान न रखा जाए तो घर में सकारात्मक ऊर्जा की जगह नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है। तो आइए जानें कि गमले को रखने की सही दिशा क्या होनी चाहिए।
ये दिशा है सबसे शुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में जल की दिशा ईशान कोण यानि उत्तर या पूर्व होनी चाहिए क्योंकि यह दिशा जल के देवता वरुण देव से संबंधित मानी जाती है। उत्तर-पूर्व कोना बृहस्पति की दिशा है। इसीलिए पानी का बर्तन (Pot) उत्तर या पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इस बर्तन या सुराही (Pot) को रखने से सुख-समृद्धि आती है, संतान की वृद्धि होती है, घर में उन्नति होती है और सफलता मिलती है। घर में शांति बनी रहती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
इन बातों का रखें ध्यान
– बर्तन को हमेशा ढककर रखना चाहिए, उसे प्लास्टिक, स्टील या धातु की वस्तुओं से न ढकें।
– यदि संभव हो तो इसे मलमल के कपड़े से ढक दें या मिट्टी के ढक्कन से ढक दें।
– जिस स्थान पर आप पानी का भंडारण करते हैं उसे हमेशा साफ रखें। बर्तन को हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रखें।
– बर्तन को कभी खाली न छोड़ें। उसमें हमेशा पानी भरकर ही रखें।
इस दिशा में न रखें पानी
वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा भूमि की दिशा है, इसलिए इसमें पानी नहीं रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में गमला रखना शुभ नहीं माना जाता है। इस स्थान पर बर्तन या सुराही (Pot) रखने से घर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दक्षिण दिशा में पानी का बर्तन रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है जो घर में नकारात्मकता ला सकता है।