चार दिनों तक चलने वाला छठ (Chhath Puja) का महापर्व कल से प्रारंभ हो गया है। छठ पूजा सूर्य देव की उपासना कर उनकी कृपा पाने के लिए की जाती है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की कृपा से घर में धन-धान्य का भंडार रहता है। छठी माई संतान प्रदान करती हैं। सूर्य सी श्रेष्ठ संतान के लिए भी ये उपवास रखा जाता है। छठ पूजा (Chhath Puja) को सबसे कठिन व्रत माना जाता है, क्योंकि इसके नियम बहुत कठोर होते हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस व्रत में किन बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है।
1) सूर्य भगवान को जिस बर्तन से अर्घ्य देते हैं, वो चांदी, स्टेनलेस स्टील, ग्लास या प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए।
2) छठ पूजा (Chhath Puja) का प्रसाद उस जगह पर नहीं बनाना चाहिए जहां खाना बनता हो। पूजा का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही पकाएं।
3) छठ व्रतियों को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। व्रत करने वाली महिलाओं को फर्श पर चादर बिछाकर सोना चाहिए।
4) प्रसाद बनाते वक्त कुछ ना खाएं। प्रसाद बनाते वक्त और पूजा के दौरान हर किसी को साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए।
5) बिना हाथ धोए पूजा के किसी भी सामान को न छुएं। बच्चों को छठ पूजा का प्रसाद जूठा न करने दें जब तक छठ पर्व संपन्न ना हो जाए।
6) छठ पूजा के दौरान सात्विक भोजन करें। लहसुन-प्याज के सेवन से दूर रहें। इन्हें घर पर भी न रखें।
7) छठ पूजा (Chhath Puja) में व्रत रख रहे लोगों को अपशब्दों और अभद्र भाषा का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
8) अगर आप व्रती है, तो बिना सूर्य को अर्घ्य दिए जल या भोजन ग्रहण न करें।
9) छठ व्रत के दौरान घर पर मांसाहार लाना या इसका सेवन वर्जित है।