फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन (Holika Dahan) का त्योहार मनाया जाता है. होलिका दहन की पूजा शुभ मुहूर्त पर करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप ने होलिका की गोद में बैठाकर जिंदा जलाने की कोशिश की थी. और इस दौरान होलिका खुद ही जल कर खत्म हो गई थी. तभी से होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है.
होलिका दहन (Holika Dahan) का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है. इस साल होलिका दहन 17 मार्च 2022 को किया जाएगा जिसके बाद 18 मार्च 2022 को रंगवाली होली खेली जाएगी. ऐसे में होलिका दहन के दौरान आपको कुछ गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए. इन गलतियों को करने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
होलिका दहन के दिन भूलकर भी ना करें ये गलतियां
– होलिका दहन की अग्नि जलते हुए शरीर का प्रतीक होती है. ऐसे में नवविवाहित महिलाओं को इस अग्नि को जलते हुए नहीं देखना चाहिए. यह काफी अशुभ माना जाता है. इससे आगे चलकर जीवन में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
– होलिका दहन के दिन किसी व्यक्ति को भी उधार नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से घर से बरकत चली जाती है और व्यक्ति को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस दिन किसी को भी उधार देने से बचें.
– अगर किसी माता-पिता की इकलौती संतान है तो उन्हें होलिका को अग्नि देने से बचना चाहिए. इसे शुभ नहीं माना जाता है अगर आपके दो बच्चे हैं तो आप होलिका की अग्नि को जला सकते हैं.
– होलिका दहन के दिन माता का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. इस दिन माता को कोई उपहार जरूर दें. इससे भगवान श्रीकृष्ण की आप पर कृपा बनी रहती है. इस दिन गलती से भी किसी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए.
– होलिका दहन के लिए भूलकर भी आम, पीपल और बरगद की लकड़ी का इस्तेमाल ना करें. इन्हें जलाने से नकारात्मकता आती है. होलिका दहन के लिए गूलर और अरंडी की लकड़ी शुभ मानी जाती है.
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
होलिका दहन बृहस्पतिवार, मार्च 17, 2022 को किया जाएगा. इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात में 9 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर16 मिनट तक ही रहेगा. ऐसे में होलिका दहन की पूजा के लिए आपको सिर्फ 1 घंटे 10 मिनट का ही समय मिलेगा. इसके अगले दिन शुक्रवार, 18 मार्च 2022 को रंगवाली होली खेली जाएगी.
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 17, 2022 को 01 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 18, 2022 को 12 बजकर 47 तक रहेगी