लाइफस्टाइल डेस्क। बिना इलाज के छोटी सी परेशानी भी बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। नस पर नस का चढ़ना एक छोटी सी परेशानी है लेकिन अगर इसे नजरअंदरा कर दिया जाए तो ये आपको लंबे समय तक बीमार कर सकती है। कई बार काम करते समय या फिर मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से आपकी नस पर नस चढ़ जाती है। नस पर नस चढ़ने की स्थिति दो तरह की हो सकती है। पहली स्थिति में आपको तत्काल दर्द होग और ठीक हो जाएगा। जबकि दूसरी स्थिति गंभीर और दर्दनाक हो सकती है जो आपको लाचार भी बना सकती है।
नस पर नस चढ़ने का कारण:
- ये बीमारी कई कारणों से होती है जैसे बॉडी में पानी की कमी होना
- खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम की कमी होना
- मैग्नीशियम की मात्रा का कम होना
- अधिक शराब पीना
- शुगर या पौष्टिक आहार की कमी के कारण
- अधिक तनाव लेना
- गलत पॉश्चर में बैठना
- कई बार नसों के कमजोर होने से भी नस पर नस चढ़ जाती है।
इस बीमारी से कैसे बचा जाए:
- अगर पैर की नस पर नस चढ़ती है तो सोते समय पैरों के नीचे तकिया रख कर सोए।
- जिस जगह ये परेशानी हुई है वहां दिन में तीन बार कम से कम 15 मिनट तक बर्फ की सिकाई करें।
- तनाव वाली मासपेशियों पर आहिस्ता से मालिश करें आपको जल्द राहत मिलेगी।
- जिस तरफ खिंचाव है उसी तरफ की हाथ की उंगुली के नाखून और स्किन के बीच के भाग को दबाएं। उसे तब तक दबा कर रखें जब तक आपकी नस उतर ना जाए।
- नस चढ़ने पर उस हिस्से को स्ट्रेच करें। जब आप स्ट्रेचिंग करते हैं, तब आपकी मांसपेशी जिस तरफ खिंची होती है, उससे उल्टी तरफ खिंचने लगती है। ध्यान रखें कि ज्यादा तेज से स्ट्रेचिंग नहीं करें।
- नस पर नस चढ़ने पर थोड़ा सा नमक मुंह में रखे, कुछ देर तक नमक को चाटने से आप खुद फर्क महसूस करेंगे।
- बॉडी में पोटाशियम की मात्रा में कमी होने पर ही नस पर नस चढ़ती है। ऐसे में आप दर्द से छुटकारा पाने के लिए केले का सेवन करें।
- नस में खिंचाव वाली जगह की तेल से मसाज करे। इससे खून का दौरा बढ़ जाता है और दर्द से राहत मिलती है।
- आमतौर पर नस पर से नस खुद उतर जाती है लेकिन आपके साथ ये परेशानी अक्सर रहती है तो डॉक्टर से संपर्क करें।