हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर्व का विशेष महत्व है। गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान गणेश सौभाग्य और बुद्धि के देवता है और गणेशोत्सव के दौरान यदि भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है तो श्रद्धालुओं को सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को जन्मे थे। पंचांग के मुताबिक, अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशोत्सव का समापन होता है। इस साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) 19 सितंबर को है और गणेश विसर्जन 28 सितंबर 2023, गुरुवार को होगा।
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर न देखें चांद
पौराणिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने से झूठे कलंक लगते हैं। किसी कारण से व्यक्ति पर चोरी के भी झूठे आरोप लग सकते हैं। पौराणिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने एक महंगी मणि चोरी की थी। नारद ऋषि ने बताया था कि भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा को देखा था, इसलिए उन्हें झूठे आरोपों का सामना करना पड़ा था।
भगवान गणेश ने चंद्रदेव को दिया था श्राप
नारद ऋषि ने भगवान कृष्ण को बताया कि भगवान गणेश ने चंद्रदेव को श्राप दिया था कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को जो भी चंद्र दर्शन करेगा, उसे मिथ्या दोष का सामना करना पड़ेगा। नारद ऋषि की सलाह पर भगवान कृष्ण ने गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का व्रत लिया और उन्हें मणि चोरी के मिथ्या दोष से छुटकारा मिला था।