हिंदू पंचांग में पंचक vकाल का बेहद खास माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि पंचक काल में कोई भी के शुभ और मांगलिक नहीं किए जाते हैं। पंचक में शुभ काम करने से उसका परिणाम अच्छा नहीं मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में यह मान्यता है कि पंचक का समय अशुभ होता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पंचक के दौरान ये सावधानी बरतनी चाहिए। पंचांग के अनुसार, मार्च महीने में पंचक 08 मार्च, शुक्रवार को रात 09.21 बजे शुरू होगा, जो 12 मार्च मंगलवार के दिन रात 08.30 बजे खत्म होगा।
पंचक (Panchak) के दौरान न करें ये काम
पंचक काल में मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, नामकरण, विवाह आदि कार्यों की मनाही होती है। पंचक काल के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद नहीं मिलता है। इस दौरान शुभ कार्य में रुकावट भी आ सकती है। यहां तक कि चारपाई बनवाने या छत ढलवाने जैसे कार्यों को करने की भी मनाही होती है।
इसलिए पंचक (Panchak) को माना जाता है अशुभ
हर माह में 5 दिन तक समय पंचक (Panchak) काल का होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में गोचर करते हैं तो उस काल को पंचक काल कहा जाता है। इन सभी नक्षत्रों को पार करने में चंद्रमा को करीब 5 दिन का समय लगता है, इसलिए इसे पंचक कहा जाता है।
दक्षिण दिशा में न करें यात्रा
पंचक (Panchak) काल के दौरान कुछ बातों की सावधानी रखना चाहिए। इस दौरान दक्षिण दिशा में कभी भी यात्रा नहीं करना चाहिए। अगर दक्षिण दिशा में किसी जरुरी कार्य से यात्रा करनी है, तो ऐसे में यात्रा करने से पहले कुछ कदम पीछे मुड़कर फिर दक्षिण दिशा में यात्रा शुरू करना चाहिए।