आज धनतेरस (Dhanteras) का पर्व मनाया जाएगा. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन खरीदारी से धन समृद्धि बढ़ती है.
माना जाता है कि जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हुआ था, तब भगवान धनवंतरी अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. वहीं इस दिन भगवान धनवंतरी के साथ यमराज की पूजा का भी विशेष महत्व है.
इसके अलावा सुख समृद्धि के लिए माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा का भी विधान है. इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है. आपको बताते हैं कि राशि अनुसार धनतेरस पर आपको क्या- क्या खरीदना चाहिए….
राशि के अनुसार करें खरीदारी
मेष: सोने अथवा पीतल के बर्तन खरीदें ताकि स्वास्थ्य अच्छा रहे और संचय हो सके.
वृषभ: चांदी की मूर्ति अथवा आभूषण खरीदें ताकि उतार चढ़ाव से बच सकें और परिवार में शांति बनी रहे.
मिथुन: कांसे के बर्तन खरीदें ताकि भ्रम से बचें और धन के मामले में ठीक निर्णय ले सकें.
कर्क: चांदी का बर्तन खरीदें या सिक्का खरीदें ताकि भावनाओं पर नियंत्रण रख सकें और संपत्ति क्रय कर सकें.
सिंह: तांबे का बर्तन खरीदें और अगर वो जल का पात्र हो तो श्रेष्ठ ,ऐसा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और क्रोध की आदत में सुधार होगा.
कन्या: चांदी का आभूषण सर्वश्रेष्ठ होगा और चांदी की माला सर्वोत्तम होगी, ऐसा करने से विवाह शीघ्र तय होगा और बुद्धि अच्छी रहेगी.
तुला: चांदी के लक्ष्मी गणेश खरीदें, ताकि आपका घाटा रुक जाए, नौकरी की बाधाएं दूर हों.
वृश्चिक: तांबे अथवा पीतल के बर्तन खरीदें ताकि वैवाहिक जीवन सुखी रहे और संतान पक्ष की बाधाएं समाप्त हों.
धनु: सोने या पीतल का सिक्का या मूर्तियां खरीदें ताकि आपका स्वभाव संतुलित रहे और वर्ष भर आप धन का अर्जन कर सकें.
मकर: कांसे या जस्ते के बर्तन खरीदें ताकि धन की बड़ी हानियों से बच सकें और वाहन का सुख मिल सके.
कुंभ: स्टील के बर्तन खरीदें ताकि धन के मामलों में गंभीरता आये और डूबा हुआ धन वापस मिल सके.
मीन: चांदी अथवा ताम्बे के सिक्के खरीदें ताकि आपके खर्चे कंट्रोल में रहे और परिवार में वाद-विवाद न हो.
धनतेरस (Dhanteras) का शुभ मुहूर्त
धनत्रयोदशी या धनतेरस (Dhanteras) के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है. धनतेरस की पूजा शनिवार, अक्टूबर 22, 2022 को होगी. धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. इसकी अवधि 21 मिनट तक रहेगी. प्रदोष काल का समय शाम 5 बजकर 44 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. वृषभ काल का समय शाम 6 बजकर 58 मिनट से 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.