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अपरा एकादशी पर करें ये खास उपाय, घर आएंगी मां लक्ष्मी!

Apara Ekadashi

Apara Ekadashi

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित हैं. एकादशी का व्रत प्रत्येक माह में दो बार रखा जाता है यानी की साल में कुल 24 बार. वहीं जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में अपरा एकादशी का व्रत किया जाता है. कहते हैं एकादशी तिथि भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है. वहीं इस दिन विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा करने वाले को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन तुलसी के पौधे से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन की देवी मां लक्ष्मी का आगमन होता है.

कब है अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की शुरुआत 23 मई को देर रात 1 बजकर 12 मिनट 12 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 23 मई को रात्रि 10 बजकर 29 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जाएगा.

भोग में शामिल करें तुलसी

अपरा एकादशी के दिन पूजा में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं. भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें. ऐसा मान्यता है कि भोग में तुलसी के पत्ते शामिल न करने से प्रभु भोग को स्वीकार नहीं करते हैं.

घी का दीया जलाएं

अपरा एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे घी का दीपक जलाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर-परिवार पर भगवान विष्णु की कृपा होती है. इसके अलावा अपरा एकादशी के दिनत भगवान विष्णु का ध्यान करके तुलसी के पौधे की 7 बार परिक्रमा करें. कहते है कि इससे आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा.

इन मंत्रों का करें जाप

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

मां तुलसी का पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी माता का ध्यान मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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