गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) यानी गुरु की पूजा का दिन. गुरु हमारे जीवन के मार्गदर्शक हैं, तो कुंडली में गुरु के प्रबल होने पर कार्यों में सफलता, यश और कीर्ति प्राप्त होती है. गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु के आशीर्वाद और गुरु ग्रह को मजबूत करके स्वयं की तरक्की करने का शुभ अवसर है.
कुंडली में यदि गुरु दोष (Guru Dosh) है, तो फिर कार्य का यश नहीं मिलता है, न ही जीवन में तरक्की हो पाती है. इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई दिन बुधवार को है. आप इस दिन कुछ ज्योतिष उपायों की मदद से गुरु ग्रह को मजबूत कर सकते हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपायों के बारे में.
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा की तिथि- 04 जुलाई 2023
गुरु पूर्णिमा प्रारंभ- 02 जुलाई, रात 08 बजकर 21 मिनट से
गुरु पूर्णिमा समापन – 03 जुलाई, शाम 05 बजकर 08 मिनट तक
गुरु दोष निवारण उपाय
- गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के अवसर पर आप अपने गुरु को घर पर आमंत्रित करें. शुभ मुहूर्त में उनका पूजन करें. भोजन कराएं और उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. ऐसा करने से गुरु दोष दूर होगा और ईश्वर की कृपा भी आपको प्राप्त होगी क्योंकि गुरु को ईश्वर से भी पहले स्थान प्राप्त है.
- गुरु पूर्णिमा के दिन आप भगवान विष्णु की पूजा शुभ समय में करें. भगवान श्रीहरि को पीले फूल, फल, अक्षत्, चंदन, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, बेसन के लड्डू आदि अर्पित करें. विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें. फिर आरती करें. उसके बाद श्रीहरि से जीवन में तरक्की और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
- गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के अवसर पर आप किसी गरीब ब्राह्मण को देव गुरु बृहस्पति का स्वरूप मानकर पीले वस्त्र, चने की दाल, गुड़, घी, हल्दी, केसर, सोना, पीतल के बर्तन आदि दान कर सकते हैं. ऐसा करने से गुरु दोष दूर होता है.
- गुरु दोष से मुक्ति पाने का सबसे आसान उपाय है देव गुरु बृहस्पति की पूजा करें. गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के समान ही बृहस्पति देव की पूजा करें और बृहस्पति चालीसा का पाठ करें. आपके जीवन में उन्नति होगी.
- गुरु दोष को दूर करने का एक उपाय गुरु के मंत्र का जाप करना है. गुरु ग्रह के मंत्र ओम बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें. यह भी एक प्रभावी उपाय माना जाता है.
- देव गुरु बृहस्पति की कृपा पाने और गुरु दोष को दूर करने के लिए आप गुरु यंत्र की स्थापना अपने पूजा स्थान पर कराएं. फिर उसकी नियमित पूजा करें.