हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना अच्छा होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह में आने वाली अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहते हैं। इस साल महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान करना पुण्य फलदायी होगा। कहते हैं ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही पितृ दोष की वजह से जीवन में चल रही परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। मान्यता है इससे व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इन उपायों से मिलेगा पितरों को आशीर्वाद
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के विशेष महत्व है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर देवी-देवता और पितर गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते है। वहीं इस बार महाकुंभ में इस बार मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा। ऐसे में अगर आप महांकुभ में स्नान नहीं कर पा रहें हैं तो इस दिन गंगाजल को पानी में मिलाकर स्नान करें। इससे पूर्वज प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
इन चीजों का करें दान
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ दान का पुण्य फलदायी माना जाता है। इस दिन तिल, गुड़, घी और गर्म कपड़े और धन का दान करना शुभ होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कामकाज में आ रही बाधाएं भी दूर होता है।
भगवान विष्णु और शिवजी का पूजन
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) यानी माघी अमावस्या के दिन सूर्यदेव के साथ भगवान विष्णु और शिवजी की विधि-विधान से पूजा करना शुभ होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी तरह के पापों से छुटाकार मिलता है। इसके अलावा ग्रह क्लेश, पितृ दोष और आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।
करें इन मंत्रों और स्रोत का पाठ
माघी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन पितरों को श्राद्ध तथा पिंडदान करने के अलावा पितृ कवच, पितृ सूक्तम या पितृ स्तोत्रम का पाठ करना शुभ होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है।