हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि (Purnima) का विशेष महत्व है। सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima) को हिंदू नववर्ष की पांचवी पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा का दिन सावन माह का आखिरी दिन होता है इस दिन से श्रावण मास समाप्त हो जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व है।
साल 2025 में पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025, सुबह 4.42 मिनट से शुरू हो चुकी है, जो 9 अगस्त 2025 को सुबह 3.54 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन लोग भगवान शिव और विष्णु जी की आराधना करते हैं। श्रावण पूर्णिमा एक ऐसा पावन दिन है जिस दिन बहुत से पर्व और त्यौहार मनाए जाते हैं। इस दिन रक्षाबंधन के साथ-साथ हयग्रीव जयंती, गायत्री जयंती पर्व भी मनाए जाते हैं।
सावन की अंतिम शुभ घड़ी से बदल सकता है आपका भाग्य
– सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन गौ माता के दूध को शिवलिंग पर अर्पित करने से पापों का नाश होता है।
– इस दिन दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और घर परिवार में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही घर के लोगों की आयु बढ़ती है।
– वहीं पूर्णिमा तिथि के दिन शिवलिंग पर दही अर्पित करने से धन-धान्य की कमी नहीं रहती और घर का कोई भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं रहता।
– साथ ही इस दिन चीनी, शहद से भगवान को स्नान करने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima) पर शुभ योग
सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima) के दिन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग रहेगा। साथ ही इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है।