हिंदू धर्म में अमावस्या (Amavasya की तिथि को बहुत विशेष माना जाता है। साल 2025 में अगस्त माह की अमावस्या को भाद्रपद माह की अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अमावस्या तिथि पितरों का तर्पण करने और श्राद्ध के लिए सबसे उत्तम तिथि मानी जाती है। इस दिन स्नान, दान का विशेष महत्व होता है। अमावस्या तिथि के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
भाद्रपद अमावस्या (Amavasya) की तिथि की शुरुआत
22 अगस्त को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर होगी। अमावस्या तिथि का समापन 23 अगस्त को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर होगा। इसीलिए भाद्रपद माह की अमावस्या 23 अगस्त, शनिवार के दिन पड़ रही है। शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ती है तो इस तिथि को शनि अमावस्या कहेंगे
अगस्त माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को बहुत विशेष माना जा रहा है। भाद्रपद माह की अमावस्या 23 अगस्त, 2025 शनिवार के दिन पड़ रही है। इस अमावस्या को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाएगा। इस दिन अपने पितरों के आशीर्वाद के साथ-साथ यह दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए फलदायी माना जा रहा है।
शनि अमावस्या ( Shani Amavasya) की शुरुआत 22 अगस्त को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं शनि अमावस्या तिथि का समापन 23 अगस्त को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस दिन शनि देव की पूजा-अर्चना और दान से शनि दोष से मुक्ति और शनिदेव की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
शनि अमावस्या ( Shani Amavasya) पर अचूक उपाय
– पितरों को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या ( Shani Amavasya) को बहुत खास माना गया है। इस दिन पितरों के नाम का दीप दान करें। इस दिन अपने घर की दक्षिण दिशा में एक दीपक जरूर जलाएं, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
– शनि अमावस्या के दिन शनि देव की मूर्ति पर सरसों या तिल का तेल चढ़ाएं। तेल चढ़ाते समय शनि देव के मंत्र ‘शं शनैश्चराय नम’ का जाप 108 करें।
– शनि अमावस्या के दिन काले तिल, लोहे, उड़द की दाल का दान जरूर करें। इस दान को महादान कहा जाता है।
– गुड और आटे की गोलियां बनाकर चीटियों को खिलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, साथ ही शनि दोष कम होता है।
– इस दिन दीप दान करें, शाम को एक पीपल के पेड़ पर, घर के मुख्य द्वार पर बांयी ओर जरूर जलाएं, एक दीपक भगवान शिव के मंदिर में जलाएं।
– शनि अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद को सवा किलो उड़द की दाल दान करें।
साथ ही इस दिन काले जूतों का दान करें।
– हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में जाकर चमेली का तेल चढ़ाएं।