गीता जयंती (Geeta Jayanti) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवद् गीता के उपदेशों को याद करने और मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है। इस दिन, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में गीता का उपदेश दिया था। गीता में जीवन के दर्शन, कर्म, धर्म और मोक्ष के बारे में गहरा ज्ञान दिया गया है। गीता जयंती के दिन गीता के ज्ञान का प्रकाश फैलाया जाता है। गीता में जीवन के हर पहलू पर प्रकाश डाला गया है। गीता में कर्मयोग का महत्व भी बताया गया है।
कर्मयोग के अनुसार, मनुष्य को निष्काम भाव से कर्म करते रहना चाहिए। गीता में मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग बताया गया है। मोक्ष का अर्थ है मुक्ति या परमात्मा के साथ एकात्म होना। गीता जीवन जीने की कला सिखाती है। यह हमें कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और शांति बनाए रखने का उपदेश देती है। गीता का अध्ययन आध्यात्मिक विकास में मदद करता है। यह हमें अपने भीतर के ईश्वर से जोड़ने का मार्ग दिखाती है।
पंचांगे के अनुसार, गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और इसये तिथि 11 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी और 12 दिसंबर दोपहर सुबह 1 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, गीता जयंती 11 दिसंबर को ही मनाई जाएगी।
गीता जयंती (Geeta Jayanti) के दिन करें ये खास उपाय
गीता पाठ: गीता जयंती के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना सबसे महत्वपूर्ण और पुण्यदायी कार्य माना जाता है। गीता के ज्ञान से जीवन में कई समस्याओं का समाधान मिलता है और आत्मज्ञान प्राप्त होता है।
श्रीकृष्ण की पूजा: इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें। आप उनकी मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं, धूप दें और फूल चढ़ाएं।
व्रत रखें: गीता जयंती के दिन व्रत रखने से मन को शांत किया जा सकता है और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
भोजन में सात्विकता: इस दिन सात्विक भोजन करें। सात्विक भोजन से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
दान करें: गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें। दान करने से पुण्य मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मंत्र जाप: इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने वाला है।
तुलसी पूजन: तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और तुलसी के पत्ते भगवान को अर्पित करें।
शिव पूजन: भगवान शिव और पार्वती की संयुक्त पूजा करने से भी लाभ मिलता है। इसलिए सभी गीता के ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाने का प्रयास करें।
गीता जयंती (Geeta Jayanti) के उपायों से मिलने वाले लाभ
गीता का अध्ययन करने से आत्मज्ञान प्राप्त होता है और जीवन का सही मार्ग पता चलता है। गीता के उपदेशों का पालन करने से मन शांत रहता है और तनाव कम होता है। गीता जयंती के उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और गीता के ज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गीता जयंती के दिन ये उपाय करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सफलता मिलती है।
गीता में जीवन जीने का सही मार्ग बताया गया है। इन उपायों को करने से हम गीता के ज्ञान को अपने जीवन में उतार सकते हैं और एक बेहतर जीवन जी सकते हैं। गीता जयंती के दिन किए गए ये उपाय केवल एक दिन के लिए नहीं बल्कि पूरे वर्ष भर किए जा सकते हैं। गीता के ज्ञान को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।