सनातन धर्म में करवा चौथ (Karwa Chauth) का त्यौहार बहुत खास होता है, खासकर । इस दिन सभी महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा को जल चढ़ाना भी महत्वपूर्ण होता है। वहीं, शादी के बंधन में बंधने वाली अविवाहित महिलाएं भी इस व्रत को रखती हैं।
करवा चौथ (Karwa Chauth) कब है?
आपको बता दें कि करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार को रखा जाएगा।
करवा चौथ (Karwa Chauth) शुभ योग
इस साल करवा चौथ पर कई मनोकामना पूर्ति योग बन रहे है। करवा चौथ पर व्यक्तिपात योग, वरीयान योग और गुरु पुष्प योग रहेगा। वहीं, चंद्रमा से संबंधित रोहिणी नक्षत्र में जल दिया जाएगा।
करवा चौथ (Karwa Chauth) पूजा मुहूर्त
करवा चौथ (Karwa Chauth) के दिन पूजा के लिए सिर्फ एक घंटा 16 मिनट का समय मिलेगा। इस दिन शाम 5:46 बजे से 7:02 बजे तक विधि-विधान से चंद्रमा की पूजा कर सकते हैं। इसके बाद शाम 7:58 बजे के बाद जब चंद्रमा उदय हो जाए तो आप चंद्रमा की पूजा कर सकते हैं और जल चढ़ा सकते हैं।
उपाय
करवा चौथ की पूजा में आटे का दीपक जरूर जलाएं। आटे का दीपक शुद्ध और अन्न से निर्मित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस शुभ दिन आटे का दीपक जलाने से प्रेम जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं।
सरगी
करवा चौथ (Karwa Chauth) को व्रत को अखंड सौभाग्य का कारक माना जाता है। करवा चौथ व्रत का आरंभ सुबह सास द्वारा दी गई सरगी को खाकर होता है, जिसे दक्षिण-पूर्व दिशा में बैठकर नहीं खाना चाहिए।
पूजा की दिशा
करवा चौथ (Karwa Chauth) के दिन शाम में पूजा करते या कथा सुनते समय अपना मुख उत्तर या पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए। करवा चौथ की रात चंद्रमा को अर्घ्य देते समय उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर खड़े होने का प्रयास करें। इस दिशा का संबंध चंद्र देव से है। माना जाता है कि यदि व्रत के दौरान आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो आपको माता करवा, देवी पार्वती, भगवान शिव और चंद्र देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी, जिनके आशीर्वाद से आपके वैवाहिक जीवन में सदा खुशियां बनी रहेंगी।