मार्गशीर्ष माह की अमावस्या बहुत विशेष मानी जाती है। इसे अगहन अमावस्या (Aghan Amavasya) भी कहा जाता है, क्योंकि मार्गशीर्ष माह अगहन मास के नाम से लोकप्रिय है। यह तिथि भगवान कृष्ण और चंद्र देव को समर्पित की गई है। अमावस्या तिथि पितरों को भी समर्पित की गई है। इस माह की अमावस्या पितरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
ये दिन पितरों को प्रसन्न करने, उनको शांति प्रदान करने और उनसे आशीर्वाद पाने का एक अच्छा अवसर होता है। मान्यता है कि अमावस्या की रात जो भी काम किया जाता है उसका फल तुरंत मिलता है। मार्गशीर्ष या कहें कि अगहन माह की अमावस्या (Aghan Amavasya) की रात को विशेष उपाय भी किए जाते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
अगहन अमावस्या (Aghan Amavasya) कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार अगहन महीने की अमावस्या तिथि 9 नवंबर 2025 की सुबह 9 बजकर 43 मिनट शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 20 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस माह में अमावस्या 20 नवंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी।
अमावस्या (Amavasya) की रात करें ये उपाय
अमावस्या (Amavasya) की रात पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का एक चौमुखा दीपक प्रज्वलित करें। दीपक जलाने के बाद, बिना पीछे न मुड़कर न देखें। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ को पितर वास करते हैं। इस उपाय को करने से पितृ खुश होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।
अमावस्या (Amavasya) के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें। रात के समय किसी गरीब या ब्राह्मण को काले तिल, अन्न, या वस्त्र का दान दें। इस उपाय को करने से पिृत दोष शांत होता है।
अमावस्या (Amavasya) के दिन रात को घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक जरूर प्रज्वलित करें। इससे घर में सुख-शांति रहती है।
अमावस्या (Amavasya) के दिन रात को घर के मंदिर में बैठकर श्रीमद्भागवत गीता के 11वां अध्याय पढ़ें। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।









