हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) पर्व चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इसलिए इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। ऐसा करने से जीवन में चल रही सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं। यदि पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर न चढ़ाया जाए, तो पूजा अधूरी रहती है। केसरिया सिंदूर हनुमान जी के श्रृंगार में शामिल किया जाता है। ऐसे में आप हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) के मौके पर सिंदूर से जुड़े कुछ उपाय जरूर करना चाहिए।
हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) पर करें सिंदूर से जुड़े उपाय
– हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने का बहुत ही विशेष अर्थ है। इससे वे प्रसन्न होते हैं। हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर का चढ़ाना चाहिए। साथ ही निम्न मंत्र का जाप भी करना चाहिए ‘सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये। भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।’। इस प्रकार व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
– अगर आपके परिवार में कलह की स्थिति बनी हुई है, तो आप सिंदूर में थोड़ा सा तेल मिला लें। इसके बाद इससे घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह उपाय लगातार चालीस दिनों तक करें। इस उपाय को करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और समृद्धि आती है।
– अगर आपके काम में कोई बाधा आ रही है, तो हनुमान जी के दाहिने कंधे पर लगे सिंदूर का तिलक लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है और सभी कार्यों में सफलता मिलने लगती है।