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वैशाख अमावस्या पर करें बस ये आसान काम, पितृ दोष से मिल जाएगी मुक्ति

Ashadh Amavasya

Ashadh Amavasya

इस समय वैशाख का महीना चल रहा है. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि यानी अमावस्या को वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) का पर्व मनाया जाएगा. वैशाख अमावस्या के दिन पितर धरती पर आएंगे और उनको प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाएंगे. इस साल वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya)  8 मई को है. वैशाख अमावस्या के दिन आप पितृ दोष से मुक्ति और पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए बस 2 आसान काम कर सकते हैं.

पितृ दोष मुक्ति का सबसे आसान उपाय

श्रीमद् भागवत कथा सुनें

यदि आपको और आपके परिवार पर पितृ दोष लगा हुआ है तो 8 मई को वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) के दिन श्रीमद् भागवत कथा सुनें. अपने घर पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करें. इस कथा का श्रवण करने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. पितरों को मोक्ष मिलता है.

श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से ​जो पुण्य मिलता है, उससे पितृ और प्रेतों को मुक्ति मिल जाती है. यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं तो श्रीमद् भागवत कथा जरूर सुनें. इस कथा के श्रवण मात्र से ही धुंधकारी को प्रेत योनी से मुक्ति मिल गई.

यदि आप पितृ पक्ष के समय में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करते हैं तो यह और भी अधिक प्रभावी होगा. आपके पितरों को मोक्ष मिलेगा और आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी.

नारायण की पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु यानी नारायण के आशीर्वाद से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यदि आपके पितरों को मोक्ष नहीं मिला है, उनको शांति की प्राप्ति नहीं हुई है तो आपको भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए. पूजा के पुण्य को अपने पितरों को समर्पित कर दें. नारायण की कृपा से आपके पितरों को मोक्ष मिल जाएगा और आप भी पितृ दोष से मुक्त हो जाएंगे.

वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya)  2024 मुहूर्त

वैशाख कृष्ण अमावस्या (Vaishakh Amavasya)  तिथि का प्रारंभ: 7 मई, मंगलवार, 11:40 एएम से
वैशाख कृष्ण अमावस्या तिथि का समापन: 8 मई, बुधवार, 08:51 एएम तक
सौभाग्य योग: 8 मई, प्रात:काल से शाम 05:41 बजे तक
शोभन योग: शाम 05:41 बजे से पूरी रात
सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 01:33 पीएम से 9 मई को प्रात: 05:34 बजे तक.

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