नई दिल्ली। देश की बड़ी आबादी अब भी खेती पर ही निर्भर है। खेती की मदद से करोड़ों किसानों का घर चलता है। हालांकि, इसके बावजूद भी माना जाता है कि खेती फायदे का सौदा नहीं है। खेती में फायदे के लिए सरकारें कई तरह की योजनाएं लेकर आती हैं। इसी तरह केंद्र सरकार बांस की खेती (Bamboo Farming India) के लिए भी एक महत्वपूर्ण योजना ‘राष्ट्रीय बांस मिशन’ चला रही है।
इसके तहत किसानों को बांस की खेती पर सब्सिडी दी जाती है, जिससे वे ज्यादा मुनाफा कमा सकें। गांवों में अब भी किसान बड़े स्तर पर बांस की खेती करते हैं। बांस की खेती को लेकर केंद्र सरकार की एक आधिकारिक वेबसाइट https://nbm.nic.in/ भी है, जिसपर किसानों को इससे जुड़ी हर जानकारी मिलती है।
किसमें-किसमें होता है बांस का इस्तेमाल?
बांस का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल निर्माण कार्यों जैसे- फर्श, छत की डिजाइनिंग और मचान आदि में होता है। इससे फर्नीचर भी बनते हैं। साथ ही, कपड़ा, कागज, लुगदी, सजावटी सामान आदि में भी बांस का इस्तेमाल होता है।
साथ ही, जब से केंद्र सरकार ने बांस की खेती को लेकर नियमों को बदला है, तब से इसके उद्योग में काफी उछाल दर्ज किया गया है। बांस से टोकरी, डंडा भी बनाया जाता है। हाल के दिनों में बांस से बनने वाली बोतलों का भी चलन काफी तेजी से बढ़ा है। अभी देश में तकरीबन 136 बांस की प्रजातियां हैं और हर साल 13 मिलियन टन से अधिक बांस का उत्पादन होता है।
बांस उद्योग को बढ़ावा दे रही मोदी सरकार
बांस उद्योग को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार की लगातार नजर है। पहले साल 2018 में इससे जुड़े नियमों को बदलकर खेती को आसान बनाया गया। अब सरकार उद्योग को कोरोनाकाल के दौरान व बाद में बढ़ावा देने की योजना बना रही है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना काल में बांस उद्योग काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
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उन्होंने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा था, ”कोरोनाकाल के बाद पूर्वोत्तर भारत के पसंदीदा व्यापारिक स्थलों में से एक होगा और बांस आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख स्तंभ बनने जा रहा है। मोदी सरकार घरेलू बांस उद्योग को बढ़ावा देने की योजना बना रही है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इससे घरेलू बांस उद्योग जैसे- फर्नीचर, हस्तशिल्प और अगरबत्ती बनाने में बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी और निर्माण सामग्री के रूप में बांस के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार से मिलेगी आर्थिक मदद, बंपर होगी कमाई!
मोदी सरकार की ओर से राष्ट्रीय बांस मिशन की शुरुआत की गई है, जिसके तहत बांस की खेती को प्रमोट किया जाता है। इस मिशन के तहत सरकार बांस की खेती करने वालों को प्रति पौधे पर आर्थिक मदद देती है। सरकार किसानों को 120 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से बांस की खेती पर मदद मुहैया करवाती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो एक हेक्टेयर में बांस के 2000 तक पौधे लगाए जा सकते हैं।
हालांकि, इसका काफी ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप बांस लगा रहे हैं तो एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी कम-से-कम दो से ढाई मीटर होनी चाहिए। इतना ही नहीं, आप बीच में कोई और फसल लगा सकते हैं, जिन्हें कम धूप की जरूरत हो। एक बार बांस लगाने के बाद आपको 30 सालों तक फिर से बांस उगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे में अगर ठीक ढंग से बांस की खेती की जाए तो किसानों की बंपर कमाई हो सकती है।