आज गोपाष्टमी (Gopasthami) है। यह पर्व कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्णजी ने गौ चरण आरंभ किया था। भगवान के गौ चरण आरंभ करने के कारण इस तिथि को गोपाष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन बछड़े समेत गायों और कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है। गायों और बछड़ों को सजाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा से निरंतर 7 दिनों तक वर्षा के बाद अष्टमी तिथि को इन्द्रदेव ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी। इसलिए इस पर्व को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। गोपाष्टमी (Gopasthami) के दिन कुछ कार्यों को करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आइए जानते हैं कि गोपाष्टमी के दिन क्या करना चाहिए?
गोपाष्टमी (Gopasthami) के दिन क्या करें-
– गोपाष्टमी (Gopasthami) के दिन सुबह शुभ मुहूर्त में गाय और बछड़ों को स्नान कराके उनका श्रृंगार करें।
– गायों को फूल, कुमकुम, आलता, रोली और हल्दी से सजाकर उनकी परिक्रमा करें।
– गौ माता की परिक्रमा करें और गाय के साथ बछड़ों को कुछ दूर घुमाने लेकर जाएं।
– शाम को गायों के वापस लौटने पर दोबारा इनकी पूजा करें।
– गोपाष्टमी (Gopasthami) के दिन गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाएं।
– शाम को गौशाला जाकर गंगाजल, फल, फूल अर्पित करें। इसके बाद गायों की आरती उतारें।
– इस दिन गौशाला में क्षमतानुसार भोजन, दक्षिणा और अन्य वस्तुओं को दान करना शुभ माना जाता है।
– हिंदू धर्म में गौ को माता का दर्जा दिया गया है। मान्यता है कि गायों में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन गौ पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते हैं।