ज्यादातर काम कम्प्यूटर पर करने पड़ते हैं। आजकल की लाइफस्टाइल कुछ इस तरह से हो गई हैं। जिसकी वजह से गर्दन में दर्द होना स्वाभाविक हैं। इसके अलावा बच्चों पर पढ़ाई का इतना प्रेशर होता हैं, कि वो लगातार बारह-बारह घंटे एक ही मुद्रा में बैठकर पढते हैं। जिसकी वजह से भी गर्दन में दर्द होने लगता है। ऐसे में किसी तरह की दवा खाने से अच्छा है कि रोज योग (Yoga) का अभ्यास किया जाए। तो चलिए जानें कि गर्दन के दर्द के लिए कौन सा योग फायदेमंद हैं। शलभासन करने की विधि
शलभासन को करने के लिये जमीन पर चटाई बिछाकर उस पर पेट के बल लेट जाएं। फिर दोनों पैरों को सीधा रखें और हाथों को कमर के पास व सीधा रखें। हथेली ऊपर की ओर रखें। अब गहरी सांस लेते हुए अपने दांये पैर को ऊपर दीवार की ओर उठाएं। इस दौरान घुटनों को मोड़े नहीं और सांस लेते रहें। अब दांये पैर को नीचे रखें।
इसी प्रक्रिया को अपने बांये पैर के साथ दोहराएं। इस प्रकिया को करते समय हाथों को स्थिर रखें। अब सांस लेते हुए अपने दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। घुटनों को मोड़े नहीं। हाथों को कमर के बराबर में सीधा रखें और सांस लेते रहें। अब सिर को ऊपर की उठाएं। पैरों को नीचे ले आएं और आराम की अवस्था में आ जाएं। इस आसन का अभ्यास दो से चार मिनट के लिये करें।शलभासन करने के लाभ
शलभासन को नियमित रूप से करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता हैं। जिससे आपको हर स्थिति में काम करने की क्षमता बढ़ती हैं। इसके साथ ही कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और कमर के दर्द से आराम मिलता हैं।
योग की यह क्रिया गर्दन, कंधा और हाथों की नसों को आराम दिलाता है ,पाचन क्रिया को भी सुधारता हैं, शलभासन करने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त होती हैं ,और पेट के आसपास जमा फैट कम होने लगता हैं। इसके साथ ही यह शरीर के पोस्चर को भी सही करता हैं।