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ब्रेस्‍ट को परफेक्ट शेप में लाने के लिए करें ये योग, जानें और भी फायदे

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अगर आप ब्रेस्‍ट का ढीलापन दूर करके उसे सुडौल और खूबसूरत बनाना चाहती हैं तो एक्‍सपर्ट के बताए इन योगासन को रोजाना करें।

क्या आपको ऐसा लग रहा है कि आपके ब्रेस्‍ट पहले की तरह फर्म नहीं दिख रहे हैं? साथ ही आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि ब्रेस्‍ट शेप खो रही है और लटकने लगी है? तो आपको इस आर्टिकल में बताए 5 योग मुद्राएं को करना चाहिए। यह आपके ब्रेस्‍ट को मजबूत करेंगी और आपको कुछ ही समय में एक परफेक्‍ट शेप देंगी।

हर महिला की इच्छा होती है कि उसका बॉडी पूरी तरह से टोंड हो। इसके लिए महिलाओं को सही शेप की ब्रेस्‍ट और पतली कमर पाने की इच्‍छा होती है। अब सभी प्रकार के एक्‍सरसाइज, डाइट और अन्य चीजों की मदद से पतली कमर प्राप्त करने के कई तरीके हैं। लेकिन एक मजबूत बस्ट होना एक मुश्किल काम हो सकता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनके ब्रेस्‍ट ढीले हैं।

झुर्रियों और फाइन लाइन्‍स की तरह, ढीले ब्रेस्‍ट भी हर महिला के शरीर में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों का एक हिस्सा हैं। ब्रेस्‍ट में ढीलापन आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे वजन ज्‍यादा होना, बिना सपोर्ट वाली ब्रा पहने एक्‍सरसाइज करना, स्‍मोकिंग और बढ़ती उम्र। लेकिन यहां एक समाधान है जो अनकंर्म्‍फेटेबल अंडरवायर ब्रा, ब्रेस्‍ट इंप्‍लांट और महंगी ब्रेस्‍ट मसाज से आपको पूरी तरह से बचा सकता है।

जब परफेक्‍ट ब्रेस्ट शेप देने की बात आती है तो योग के कई फायदे होते हैं। तो आप किसका इंतजार कर रही हैं? इन बहुत ही आसान लेकिन प्रभावी योगासन को देखें जो वास्तव में आपके ब्रेस्‍ट को सही शेप में लाने में मदद कर सकते हैं। इन योगासन के बारे में हमें फिटनेस ट्रेनर प्रियंका सिंह जी बता रही हैं।

उष्ट्रासन

ये एक पीछे झुककर किया जाने वाला आसन हैं जिससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन सुधरता है और ब्रेस्ट को शेप मिलता है। इसे करते समय आपको अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को अच्छी तरह से पीछे की ओर झुकाना होता है। इसे करने से शरीर की आकृति ऊंट की तरह हो जाती है, इसलिए इसे उष्ट्रासन या कैमल पोज के नाम से जाना जाता है।

उष्‍ट्रासन की विधि

इसके लिए घुटनों के बल बैठ जाएं।

फिर पीछे की ओर झुकें।

हाथों से एड़ियों को छूने की कोशिश करें।

गर्दन और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।

कमर के हिस्‍से से हल्का सा पुश करें।

सामान्य रूप से सांस लें और कुछ सेकेंड्स के लिए इस पोजीशन में रहें।

फिर एड़ियों से हाथ हटाएं और रिलैक्स करें।

इस योगासन को फिर से दोहराएं।

उष्‍ट्रासन के फायदे

इसे करने से आपके पेट स्‍ट्रेच आता है।

उष्ट्रासन पूरे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है।

यह आपके श्वसन में सुधार करता है।

यह थकान, चिंता आदि को दूर करता है।

शरीर को लचीला बनाता है।

कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या को कम करता है।

भुजंगासन

भुजंगासन पीठ दर्द और पेट के फैट कम करने में तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही इससे ब्रेस्ट को भी सही शेप में लाया जा सकता है। इसके अलावा, ये स्पाइन को मजबूतबनाता है।

भुजंगासन की विधि

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।

हाथों को चेस्‍ट की बगल में रखें।

इन्‍‍हें कोहनियों पर झुकाएं।

सांस भरते हुए, सिर और गर्दन को ऊपर उठाकर छत की ओर देखें।

ऊपरी शरीर को केवल नाभि तक उठाएं और पैरों को एक साथ रखें।

कुछ सेकेंड के लिए इस मुद्रा में रहें।

धीरे से आसन से बाहर आ जाएं।

भुजंगासन के फायदे

इससे मसल्‍स मजबूत होती हैं।

कमर को पतली-सुडौल बनती है।

कंधों और बाहों को मजबूती आती है।

शरीर में लचीलापन बढ़ता है।

तनाव और थकान को दूर करता है।

गोमुखासन

गोमुखासन योग अभ्यास के दौरान आपके ब्रेस्ट एरिया के पास स्‍ट्रेच होता है जिससे वहां की मसल्स बनती हैं और ओवरऑल अपर बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार होता है। इसके अलावा, ये ब्रेस्ट के लचीलेपन को भी बढ़ाता है। इसे काऊ फेस पोज के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इसे करते समय पांव की स्थिति काफी हद तक गाय के मुंह की आकृति जैसे हो जाती है।

गोमुखासन की विधि

पैरों को फैलाकर चटाई पर बैठ जाएं।

अब बाएं पैर को मोड़ें और दाहिने हिप्‍स के नीचे या बगल में पैर रखें।

बाएं पैर के बगल में दाहिना पैर रखते हुए दाहिने पैर को बाईं ओर मोड़ें।

फिर बाईं कोहनी को पीठ के पीछे की ओर मोड़ें और हथेली ऊपर की ओर रखें।

दाहिने हाथ को ऊपर की तरफ उठाएं और कोहनी को नीचे की ओर हथेली से मोड़ें।

हथेलियों को उंगुलियों से इंटरलॉक करने की कोशिश करें।

कुछ सेकेंड के लिए इस मुद्रा में रहें।

फिर पहली मुद्रा में लौट आएं।

गोमुखासन करने के फायदे

ब्रेस्‍ट के लचीलेपन को बढ़ाने के साथ यह मुद्रा आपके स्वास्थ्य पर चमत्कार कर सकती है।

शरीर सुड़ौल और लोचदार बनता है।

रीढ़ में मजबूती आती है।

कमर दर्द की परेशानियों से राहत मिलती है।

धनुरासन

धनुरासन ब्रेस्ट एरिया की ओर ब्लड फ्लो को बढ़ाता है जिससे वहां की मसल्स डेवलप होने के साथ ही स्ट्रॉन्ग होती हैं। इसके अलावा, ये आसन थायरॉयड ग्लैंड्स की भी मसाज करता है। इसके रोजाना अभ्यास से कंधे मजबूत होते हैं और पेट व कमर के आसपास जमी चर्बी भी कम होती है।

धनुरासन की विधि

इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं।

दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें।

दोनों हाथों को पीछे ले जाकर दोनों पैरों को टखनों से पकड़ें।

सांस बाहर छोड़ते हुए पैरों को स्‍ट्रेच करें।

साथ ही सिर को पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें।

ऐसा करते हुए शरीर का सारा वजन नाभि पर पड़ने दें।

सांस खींचते हुए पकड़ ढीली करें।

फिर पुरानी मुद्रा में वापस आ जाएं।

धनुरासन करने के फायदे

पेट की प्रॉब्‍लम्‍स को दूर करने में मदद मिलती है।

इस योग से चेहरे पर ग्‍लो आता है।

पेट की चर्बी कम करने में मददगार है।

गले की बीमारियों से बचाव होता है।

ब्‍लड सर्कुलेशन तेज होता है।

चक्रासन

चक्रासन करते समय भी आपके ब्रेस्ट एरिया के पास होने वाला स्‍ट्रेच वहां की मसल्स बनाने और उसकी ग्रोथ में मदद करता है।

चक्रासन की विधि

इसे करने के लिए कमर के बल लेट जाएं।

पैरों को घुटनों से मोड़े और पंजों को मैट पर रखें।

पैरों को दोनों हिप्‍स के बराबर दूरी पर खोलें।

हाथों को कंधों के पास मोड़कर लाएं।

हथेलियों को जमीन पर रखें।

उंगुलियों की दिशा पैरों की तरफ रखें।

शरीर को आगे के हिस्‍से से ऊपर की ओर उठाएं तथा सिर को मैट पर रखें।

अब सांस भरे और सिर को भी ऊपर उठाएं।

कमर और सिर को ऊपर की ओर उठाकर पैरों, हाथों, कमर और चेस्‍ट पर स्‍ट्रेच महसूस करें।

इस आसन में कुछ सेकेंड के लिए रूकें।

अब सांस छोड़ते हुए आराम से वापस पुरानी मुद्रा में आ जाएं।

चक्रासन के फायदे

चेस्‍ट को खोलते समय पैरों, बाहों, रीढ़ की हड्डी और पेट को मजबूत करता है।

यह शरीर में तनाव को कम करता है।

यह लचीलेपन को बढ़ाते हुए कंधों, ग्लूट्स और थाइज को भी फैलाता है।

कमर को पतला करने में मदद करता है।

चक्रासन एजिंग के साइन्‍स को कम करता है।

कमर का लचीलापन बेहतर होता है।

ब्‍लड फ्लो ज्‍यादा हो जाता है और चेहरे के निखार आता है।

चक्रासन आपके डाइजेस्टिव सिस्‍टम और हार्ट के लिए भी बहुत अच्‍छा होता है।

इन योगासन को करके आपको ब्रेस्‍ट को सही शेप में रखने में मदद मिलेगी। आप एक्‍सपर्ट के वीडियो को देखकर भी आसानी से इन योगासन को कर सकती हैं।

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